EV Charging: भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर 6 साल में खर्च करनी होगी भारी रकम

EV Charging Infra: देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड के साथ पब्लिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना बेहद आवश्यक है। इसके लिए फिक्क ने अपनी रिपोर्ट में कुछ अहम सुझाव पेश किए हैं।

By :  Desk
Updated On 2024-12-18 20:48:00 IST
EV Charging Infra

EV Charging Infra: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए सरकार और ऑटोमोबाइल कंपनियां लगातार प्रयासरत हैं। हालांकि,ईवी को अपनाने में रेंज की चिंता और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी अभी भी बड़ी बाधाएं हैं। इन समस्याओं को हल करने के लिए सरकार तेज गति से काम कर रही है और ऑटो कंपनियां भी लंबी रेंज वाले नए प्रोडक्ट्स बाजार में ला रही हैं।
 
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए चाहिए बड़ा निवेश
एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को 30% से अधिक करने और सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 16 हजार करोड़ रुपए के पूंजीगत निवेश की जरूरत होगी।

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चार्जिंग स्टेशनों की मौजूदा स्थिति
उद्योग मंडल फिक्की (FICCI) की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों का मौजूदा इस्तेमाल सिर्फ 2% है। इसे 2030 तक 8-10% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
 
चार्जिंग स्टेशनों के सामने बड़ी चुनौतियां
1) बिजली शुल्क की उच्च लागत:
 कई राज्यों में उच्च बिजली शुल्क और निश्चित शुल्क के कारण चार्जिंग स्टेशनों की वित्तीय व्यवहार्यता प्रभावित हो रही है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों ने कम या शून्य निश्चित शुल्क रखा है, लेकिन अन्य राज्यों में उच्च शुल्क की वजह से यह चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

2) जमीन और परिचालन समस्याएं:
 चार्जिंग स्टेशनों के लिए जमीन की उपलब्धता और मानकीकरण का अभाव भी एक बड़ी समस्या है।

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रिपोर्ट की सिफारिशें
1) नीतिगत सुधार:
ईवी के विकास के लिए सरकार, नीति निर्माताओं और ऑटो कंपनियों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है।

2) जीएसटी में कटौती:
 सार्वजनिक चार्जिंग सेवाओं पर जीएसटी दर को मौजूदा 18% से घटाकर 5% करने का सुझाव दिया गया है।

3) बुनियादी ढांचे का विस्तार:
 40 प्रमुख शहरों और 20 राष्ट्रीय राजमार्गों पर चार्जिंग स्टेशनों का तेज़ी से विस्तार किया जाए।

4) प्रमुख समस्याओं का समाधान:
 बिजली की उपलब्धता, चार्जिंग स्टेशनों के मानकीकरण और परिचालन में आने वाली बाधाओं को दूर करने पर जोर दिया गया है।

रिपोर्ट में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर उपभोक्ताओं की चिंताओं को दूर करने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर दिया गया है। इसमें वित्तीय सहयोग और नीतिगत सुधारों की आवश्यकता बताई गई है। इन उपायों से इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाने में मदद मिलेगी और भारत के स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्यों को हासिल करने में तेजी आएगी।

(मंजू कुमारी)
 

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