Big Deals: स्टेलेंटिस और रेनो के मर्जर को लेकर अटकलें, कंपनियों के टॉप लीडर्स ने कीं खारिज

Big Deals: ऑटो इंडस्ट्री में बदलते हालात और प्रतिस्पर्धा को देखते हुए बार-बार Stellantis और Renault के मर्जर की अटकलें सामने आ रही हैं। कंपनियों के टॉप लीडर्स ने अफवाहों को नकारा है।

Updated On 2025-05-17 19:03:00 IST

Big Deals: स्टेलेंटिस (Stellantis) ने रेनो के साथ मर्जर की खबरों को फिर से खारिज किया है। पिछले दिनों लंदन में आयोजित FT Future of the Car Summit में स्टेलेंटिस के चेयरमैन जॉन एल्कैन ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को सिरे से नकार दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि Stellantis और Renault (रेनो) के बीच मर्जर की चर्चा जारी है। रेनो के सीईओ लुका दे मेओ के साथ पैनल डिस्कशन में एल्कैन ने कहा कि हम किसी भी मर्जर पर चर्चा नहीं कर रहे हैं।

बता दें कि स्टेलेंटिस की शुरुआत 2021 में Fiat-Chrysler (फिएट-क्रिसलर) और Peugeot-Citroen (PSA Group) के विलय के बाद हुई। आज Jeep, Opel जैसी कई लोकप्रिय ऑटो ब्रांड्स इसी ग्रुप का हिस्सा हैं। स्टेलेंटिस एक फ्रेंच-इटालियन ऑटो जायंट के रूप में उभरा है।

पहले भी उड़ी थीं मर्जर की अफवाहें

इससे पहले भी Stellantis और Renault के मर्जर को लेकर अटकलें लग चुकी हैं। लेकिन Stellantis के CEO कार्लोस टावारेस ने इन खबरों को महज "अफवाह" करार दिया था। फ्रांस में अपने प्लांट विजिट के दौरान उन्होंने मीडिया से साफ कहा था कि "ऐसी कोई बातचीत नहीं हो रही है।" रेनो के सीईओ लुका दे मेओ ने भी पेरिस में इसी तरह की अफवाहों को नकारते हुए कहा था- "इन बातों में कोई सच्चाई नहीं है।"

मीडिया रिपोर्ट्स से बढ़ी चर्चा

इटली के प्रतिष्ठित अखबार 'Il Sole 24 Ore' ने कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट में दावा किया कि Stellantis और Renault के बीच मर्जर की संभावनाएं फिर से चर्चा में हैं। इसकी वजह ऑटो इंडस्ट्री में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बड़े पैमाने पर उत्पादन की जरूरत को बताया गया।

Stellantis की गिरती हालत से अटकलों को हवा

Stellantis ने 2024 के लिए अपने प्रॉफिट फोरकास्ट को घटा दिया है। अमेरिकी बाजार में पकड़ मजबूत करने के लिए कंपनी को ज्यादा निवेश करना पड़ रहा है। इसी वजह से मार्च 2024 से अब तक Stellantis के शेयरों में 55% से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। इसके चलते कंपनी की मार्केट वैल्यू में 47 अरब यूरो (करीब 52 अरब डॉलर) की कमी आई है, जो यूरोप की बड़ी ऑटो कंपनियों में सबसे खराब प्रदर्शन है।

फ्रेंच सरकार की भूमिका पर भी उठे सवाल

इस साल की शुरुआत में एक और रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि फ्रेंच सरकार, जो Renault की सबसे बड़ी शेयरधारक है, Stellantis में भी हिस्सेदारी रखती है और दोनों कंपनियों के संभावित मर्जर पर विचार कर रही है। इस खबर से भी बाजार में अटकलें तेज हो गई थीं। वर्तमान में दोनों कंपनियों के टॉप लीडर्स ने खुद इन अफवाहों को खारिज कर दिया है।

(मंजू कुमारी)

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