हरियाणा पराली प्रबंधन योजना 2025: आवेदन की अंतिम तिथि 7 अगस्त, जुर्माने से बचें और पाएं सरकारी अनुदान

Haryana Parali Management Scheme 2025: हरियाणा में फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत किसानों को पराली जलाने से बचने और आर्थिक लाभ कमाने का मौका, आवेदन की अंतिम तिथि 7 अगस्त 2025।

Updated On 2025-08-05 16:30:00 IST

Haryana Parali Management Scheme 2025: हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी खबर है। अगर आप पराली जलाने से बचकर आर्थिक लाभ कमाना चाहते हैं, तो राज्य सरकार की फसल अवशेष प्रबंधन योजना (Crop Residue Management Scheme) आपके लिए सुनहरा मौका है। सरकार ने इस योजना के तहत पैडी स्ट्रॉ सप्लाई चैन स्थापित करने हेतु आवेदन मांगे हैं, जिसकी अंतिम तारीख 7 अगस्त 2025 है।

यह योजना किसानों को पराली प्रबंधन के लिए आर्थिक प्रोत्साहन देती है, साथ ही वातावरण संरक्षण और ग्रामीण रोजगार में भी अहम भूमिका निभाती है। अगर किसान इस योजना का लाभ नहीं लेते और पराली जलाते हैं, तो उन पर 30,000 रुपये तक का जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

पराली जलाने पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब पराली जलाना महंगा साबित हो सकता है:

  • 2 एकड़ से कम - ₹5,000 प्रति घटना
  • 2-5 एकड़ - ₹10,000 प्रति घटना
  • 5 एकड़ से अधिक - ₹30,000 प्रति घटना
  • FIR दर्ज होगी और रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री होगी
  • दोषी किसान दो सीजन तक मंडियों में फसल नहीं बेच पाएंगे

क्या है फसल अवशेष प्रबंधन योजना?

राज्य सरकार और कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही यह योजना किसानों, एफपीओ, बायोमास इंडस्ट्री और एग्रीगेटर्स को पराली जलाने की बजाय उसका प्रबंधन करने का विकल्प देती है। इसमें पराली से बायो CNG, जैव एथेनॉल, बिजली आदि के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।

अनुदान और लागत का बंटवारा

क्रेडिट लिंक्ड ग्रांट मॉडल में प्रोजेक्ट लागत इस तरह वितरित होगी:

  • कृषि विभाग: 65%
  • इंडस्ट्री: 25%
  • एग्रीगेटर: 10%

यदि कोई किसान/समूह बिना समझौते आवेदन करता है तो उन्हें 35% लागत खुद वहन करनी होगी।

प्रोजेक्ट लागत:

  • 3,000 MT क्षमता - ₹1 करोड़
  • 4,500 MT क्षमता - ₹1.5 करोड़

शर्त: इंडस्ट्री हरियाणा में स्थापित होनी चाहिए।

आवेदन की प्रक्रिया

  • पंजीकरण करें: agriharyana.gov.in या fasal.haryana.gov.in
  • लॉगिन: मोबाइल नंबर, MFMB ID या PPP ID से
  • फॉर्म भरें: फसल, जमीन और प्रबंधन प्रकार चुनें
  • दस्तावेज़ अपलोड करें: आधार, बैंक डिटेल, जमाबंदी आदि
  • सत्यापन: विभाग द्वारा फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद
  • प्रोत्साहन: ₹1,000 प्रति एकड़ सीधे खाते में मिलेगा

पिछले आवेदकों के लिए सूचना

अगर आपने 2024-25 में आवेदन किया था और स्वीकृति मिल चुकी थी, फिर भी 2025-26 के लिए दोबारा आवेदन अनिवार्य है। पुराने आवेदक 7 अगस्त तक आवेदन अपडेट भी कर सकते हैं।

किसानों के लिए फायदे

  • जुर्माने से बचाव
  • अतिरिक्त आमदनी
  • सरकार की सब्सिडी
  • पर्यावरण की रक्षा
  • भविष्य में फसल बिक्री में बाधा नहीं
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