पीएम-किसान निधि: हरियाणा के 15.82 लाख किसानों के खातों में आए 316.38 करोड़

सीएम बोले, किसान को मज़बूत व खुशहाल बनाना पीएम का संकल्प, मूल्य संवर्धित फसलों व प्रोसेसिंग यूनिट्स, एग्री-टूरिज्म, ब्रांडिंग, फार्म-टू-फोर्क मॉडल अपनाएं किसान।

Updated On 2025-11-19 20:07:00 IST

पलवल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के कोयंबटूर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के किसानों के खातों में 21वीं किस्त जारी की। हरियाणा के 15 लाख 82 हज़ार किसानों को 316 करोड़ 38 लाख करोड़ रुपये की राशि सीधे खातों में हस्तांतरित की गई। पलवल में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शामिल हुए। सभी जिलों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों तथा सांसदों ने प्रधानमंत्री के संबोधन का लाइव प्रसारण देखा और सुना गया।

पलवल के किसानों को मिले 14.86 करोड़

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों की ओर से प्रधानमंत्री का 21वीं किस्त जारी करने पर आभार जताते हुए बताया कि आज जिला पलवल के 74,299 किसानों के बैंक खातों में 14 करोड़ 86 लाख रुपये की राशि भेजी गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक जारी 21 किस्तों के माध्यम से हरियाणा के किसानों को कुल 7,233 करोड़ 74 लाख रुपये मिल चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान को मज़बूत, सशक्त और खुशहाल बनाने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे परंपरागत खेती से आगे बढ़ते हुए मूल्य संवर्द्धित फसलों की ओर रुख करें, फार्म प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित करें, फार्म-टू-फोर्क मॉडल अपनाएं तथा एग्री-टूरिज़्म और ब्रांडिंग को बढ़ावा दें।

स्वतंत्रता की शताब्दी तक आत्मनिर्भर और डिजिटल रूप से सुदृढ़ होगा किसान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए 4 स्तम्भों पर विशेष जोर दिया है। इनमें किसान, गरीब, महिला व युवा शामिल हैं। उनका मानना है कि हमारे प्रथम स्तम्भ किसान भाइयों की समृद्धि से ही इस संकल्प को पूरा किया जा सकता है। उनके इसी विजन को साकार करने के लिए हम हरियाणा में किसानों की खुशहाली और कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हरियाणा ‘विकसित भारत–विकसित हरियाणा’ की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2047 में जब भारत स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, तब हमारा किसान आत्मनिर्भर, जल और पर्यावरण के प्रति सजग, डिजिटल रूप से सुदृढ़, वैश्विक बाजार से जुड़ा हुआ तथा उच्च गुणवत्ता एवं ब्रांडेड उत्पादन का प्रमुख केंद्र होगा।

अब राष्ट्रीय नीति के केंद्र में किसान

मुख्यमंत्री ने किसान कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में किसान अब राष्ट्रीय नीति के केंद्र बन चुके हैं। प्रदेश में जहाँ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं राज्य सरकार बागवानी फसलों को परंपरागत फसलों के विकल्प के रूप में प्रोत्साहित कर रही है ताकि किसान फल और सब्जियों की ओर अधिक रुचि लें। उन्होंने बताया कि पराली प्रोत्साहन योजना के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,200 रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है। बागवानी किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना के तहत पिछले 11 वर्षों में 30 हजार किसानों को 135 करोड़ रुपये की सहायता सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जा चुकी है।

48 घंटे में फसल का भुगतान देने वाला पहला राज्य हरियाणा

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जहाँ किसानों की सभी फसलों की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाती है तथा फसल खरीद का भुगतान 48 घंटे के भीतर किसानों को प्राप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि आज युवा खेती को नवाचार और व्यवसाय के रूप में अपना रहे हैं। डिजिटल डेटा व्यवस्था के माध्यम से अब किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ सरल, पारदर्शी और तेज गति से उपलब्ध हो रहा है।

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