क्रांतिकारी पहल: किसानों के लिए खुशखबरी, अब घर बैठे मिलेगी खाद; ऐसे उठाएं फायदा
एमपी सरकार ने किसानों के लिए खाद की होम डिलीवरी पायलट परियोजना शुरू की। अब घर बैठे बुकिंग और समय पर सप्लाई मिलेगी, लंबी कतारों से छुटकारा।
सरकार ने पहली बार खाद की होम डिलीवरी सुविधा शुरू की है। अब किसानों को घर या खेत पर सीधे मिलेगी खाद। समय बचेगा और पैसा भी।
मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की सबसे बड़ी परेशानी यानी खाद के लिए लंबी कतारों और देरी से मिलने वाली सप्लाई को खत्म करने के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। राज्य में पहली बार खाद की होम डिलीवरी का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिससे किसान अब घर बैठे ही यूरिया व अन्य उर्वरकों की बुकिंग कर सकेंगे और उन्हें सीधे खेत या घर पर डिलीवरी मिलेगी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों का समय बचाना, मेहनत कम करना और रबी फसल के लिए समय पर खाद उपलब्ध कराना है। शुरुआत में इस पायलट प्रोजेक्ट को जबलपुर, विदिशा और शाजापुर जिलों में लागू किया गया है।
सफल परीक्षण के बाद अब इसे धीरे-धीरे आठ जिलों तक विस्तार दिया जा रहा है। विशेष रूप से जबलपुर जिले में यह सुविधा अभी भी परीक्षण के चरण में है, लेकिन यहां के किसानों में इसका उत्साह साफ देखा जा रहा है। जबलपुर के सिहोरा, मझोली और शाहपुरा स्थित डबल लॉक केंद्रों से अभी यह सुविधा शुरू की गई है, जहां से लगभग 5 किलोमीटर की परिधि में किसानों तक खाद पहुंचाई जा रही है।
पहले की व्यवस्था में किसान को ई-टोकन बनवाना पड़ता था और फिर खुद डबल लॉक केंद्र या विक्रेता के पास जाकर खाद लेनी पड़ती थी। इसमें घंटों लाइन लगानी पड़ती थी। कई बार खाद खत्म हो जाती थी और किसान खाली हाथ लौट आते थे।
अब नई व्यवस्था में किसान मोबाइल ऐप या पोर्टल के जरिए घर बैठे बुकिंग कर सकते हैं। बुकिंग के बाद निर्धारित समय पर खाद उनके घर या खेत पर पहुंचा दी जाएगी। इसके लिए अतिरिक्त डिलीवरी चार्ज भी बहुत मामूली रखा गया है या कई जगहों पर इसे मुफ्त भी रखने की योजना है।
जिले के कृषि अधिकारी एस.के. निगम ने बताया कि इस सुविधा को शुरू करने के बाद किसानों की प्रतिक्रिया बेहद सकारात्मक रही है। ज्यादातर किसान अब घर से ही बुकिंग करके खाद मंगवा रहे हैं। इससे न केवल उनका समय बच रहा है, बल्कि ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दूर जाने का खर्च और परेशानी भी खत्म हो रही है।
छोटे व सीमांत किसानों के लिए यह सुविधा वरदान साबित हो रही है, क्योंकि पहले वे लाइन में लगने की वजह से मजदूरी छोड़कर आते थे और कई बार खाद नहीं मिलने से फसल प्रभावित होती थी।
सरकार का यह कदम इसलिए भी सराहनीय है क्योंकि मध्य प्रदेश में रबी फसल (गेहूं, चना, मसूर आदि) की बुवाई का मौसम चल रहा है और इस समय यूरिया की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। कई बार कालाबाजारी और जमाखोरी की वजह से भी किसानों को परेशानी होती थी, लेकिन अब पारदर्शी ऑनलाइन बुकिंग और डिलीवरी सिस्टम से इन समस्याओं पर काफी हद तक अंकुश लगेगा।
आने वाले दिनों में इस योजना को पूरे प्रदेश के सभी जिलों में लागू करने की तैयारी है। कृषि विभाग का दावा है कि यह सुविधा शुरू होने के बाद किसानों को फिर कभी खाद के लिए लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। यह डिजिटल इंडिया और किसान कल्याण की दिशा में मध्य प्रदेश सरकार का एक महत्वपूर्ण और व्यावहारिक कदम है, जिससे लाखों किसानों की जिंदगी आसान होने वाली है।