अमेरिकी टैरिफ बेअसर: 170 देशों में म्हारे बासमती की महक, करनाल से 70 प्रतिशत एक्सपोर्ट
अमेरिकी ट्रैरिफ के बीच भारत ने इस साल अभी तक पांच महीनों में 2.7 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात किया है। जो पिछले साल के मुकाबले चार लाख टन अधिक है। जिससे निर्यातक उत्सहित हैं।
करनाल में एक्सपोर्ट के लिए तैयार किए जा रहे बासमती चावल।
पहलगाम हमले के बाद मई माह में भारत व पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के बाद अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत ट्रैरिफ के बावजूद भारत ने साल 2025 में अप्रैल से अगस्त तक 2.7 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात किया है। खास बात यह है कि यह निर्यात पिछले साल के निर्यात से चार लाख टन अधिक है। विश्व में भारत व पाकिस्तान ही बासमती चावल का निर्यात करते हैं। भारत बासमती के निर्यात में इस साल पाकिस्तान से छह गुणा आग निकल गया है। पाकिस्तार हर साल करीब एक मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात करता है। जबकि भारत ने पिछले साल 6 मिलियम टन से अधिक चावल का निर्यात किया था। इस साल बासमती के निर्यात का लक्ष्य 6.5 मिलियन टन रखा गया है। जिसमें से अब तक पांच माह में 2.7 मिलियन टन का निर्यात हो चुका है।
170 देशों में पहुंच रहा बासमती चावल
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश गोयल ने बताया कि भारत का बासमती अब 170 देशों में पहुंच चुका है। जिनमें से सऊदी अरब में 1 मिलियन टन, ईरान और इराक में 2 मिलियन टन चावल का निर्यात किया गया है। उन्होंने बताया कि दूसरे देशों में निर्यात होने वाले चावल में हिरयाणा का योगदान 35 से 40 प्रतिशत है। जिसमें से अकेले करनाल का हिस्सा 70 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि “अमेरिका ने 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है, लेकिन इससे एक्सपोर्टर्स या किसानों को कोई चिंता नहीं है। यदि अमेरिका को ढ़ाई लाख टन बासमती नहीं भी दी जाएगी, तो भी कोई असर नहीं होगा। हमने जापान सहित नई बाजार संभावनाओं की तलाश शुरू कर दी है और उम्मीद है कि जापान के उपभोक्ताओं को भी हमारी खुशबू पसंद आएगी।”
सेटेलाइट सर्वे और उत्पादन
करनाल के नूर महल में हाल ही में राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग हुई, जिसकी अध्यक्षता चेयरमैन अभिषेक देव ने की। इस बैठक में देशभर के 150 से अधिक एक्सपोर्टर्स शामिल हुए।
मीटिंग में प्रस्तुत अवनिक कंपनी द्वारा किए गए सेटेलाइट सर्वे में यह पाया गया कि पंजाब में बाढ़ के कारण कुछ क्षेत्र प्रभावित हुए, लेकिन ओवरऑल नुकसान केवल 1 प्रतिशत है। जिससे देश से निर्यात होने वाले बासमती चावल पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
निर्यातित देशों की संख्या 170
सतीश गोयल ने बताया कि भारत से बासमती चावल खरीदने वाले देशों की संख्या 170 है। जिनमें प्रमुख रूप से सऊदी अरब, ईरान, इराक का नाम लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि भारत की निर्यात क्षमता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों, स्थिर विदेशी व्यापार नीति और क्वालिटी कंट्रोल के कारण बढ़ी है। यही कारण है कि भारत दुनिया में सबसे बड़े बासमती एक्सपोर्टर के रूप में उभरा है। अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत ट्रैरिफ का चावल निर्यात पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें और हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए [haribhoomi.com] के साथ।