डीएपी किल्लत: हांसी में सुबह 4 बजे लगी किसानों की लंबी लाइन, कंट्रोल करने को बुलाई पुलिस
हांसी में सुबह ही खाद केंद्र पर किसानों की लाइन लग गई। किसानों ने टोकन देने की बजाय हाथ पर मोहर लगाने पर नाराजगी जताई। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी।
किसान सेवा केंद्र में डीएपी देने के लिए हाथ पर लगी मोहर दिखाता किसान।
हरियाणा में हिसार के हांसी उपमंडल में डीएपी खाद की किल्लत ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। अनाज मंडी के सामने स्थित एक किसान सेवा केंद्र पर खाद लेने के लिए सोमवार सुबह चार बजे ही किसानों ने पहुंचना शुरू कर दिया। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। किसान सेवा केंद्र के कर्मचारियों ने डीएपी लेने के लिए लाइन में खड़े किसानों को टोकन देने की बजाय उनके हाथों पर मोहर लगा दी। जिस पर किसानों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कर्मचारियों ने हाथ पर मोहर लगाकर एक बार फिर अंगेजों के जमाने की यादों को ताजा कर दिया। किसानों ने कहा कि किसानों को सरसों व गेहूं की बिजाई के लिए डीएपी की जरूरत पड़ती है।
महिलाएं भी लग रही लाइन में
डीएपी लेने के लिए सुबह चार बजे से किसान सेवा केंद्र के बाहर किसानों की लाइनें लगनी शुरू हो जाती हैं। सूरज निकलने तक सैकड़ों किसान अपनी बारी का इंतजार करते हैं। इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए केंद्र के बाहर पुलिस की तैनाती करनी पड़ी, जिस पर किसानों ने सवाल उठाया कि खाद वितरण के लिए पुलिस की आवश्यकता क्यों पड़ रही है। डीएपी खाद के लिए केंद्र के बाहर पुरुषों के साथ महिलाओं की भी लंबी कतारें देखी गईं। किसानों ने प्रशासन के पर्याप्त खाद उपलब्धता के दावों को जमीनी हकीकत से दूर बताया। किसानों ने कहा कि पहले यूरिया के बाद अब डीएपी खाद की किल्लत खेती के लिए शुभ संकेत नहीं है। यदि किसानों को समय पर खाद नहीं मिलेगी तो किसान खेती कैसे कर पाएंगे।
एक किसानों को मिल रहे दो कट्टे
किसान सेवा केंद्र के इंचार्ज अमित यादव ने बताया कि वर्तमान में लगभग एक हजार कट्टे डीएपी खाद ही उपलब्ध हैं। सीमित स्टॉक के कारण, प्रत्येक किसान को एक आधार कार्ड पर केवल दो कट्टे खाद ही दिए जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक किसानों तक खाद पहुंच सके।
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