Saudi Arabia Support India Stand On Kashmir Issue: पाकिस्तान के नए नवेले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपनी पहली विदेश यात्रा सऊदी अरब की। जहां उन्होंने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा। हालांकि शहबाज को उस वक्त तगड़ा झटका लगा, जब सऊदी के प्रधाानंत्री प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने जॉइंट स्टेटमेंट कश्मीर के मुद्दे को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा बताया। सलमान ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान को बात करनी चाहिए।
मक्का में हुई दोनों समकक्ष नेताओं की बैठक
शहबाज शरीफ और प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच मक्का के अल-सफा पैलेस में सोमवार, 7 अप्रैल को आधिकारिक बैठक हुई। इसके बाद जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया गया। जिसमें दोनों देशों को आपस में बातचीत करके मुद्दों को सुलझाने पर जोर दिया गया। कहा गया कि खासतौर पर कश्मीर में शांति कायम रखने के लिए दोनों देशों को इस विवाद पर बात करनी चाहिए। वहीं, पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच भाईचारे के संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के रास्ते तलाशने पर भी जोर दिया।
![Shehbaz Sharif and Saudi Crown Prince Mohammed bin Salman Shehbaz Sharif and Saudi Crown Prince Mohammed bin Salman](https://images.haribhoomi.com/uploadimage/library/16_9/16_9_5/IMAGE_1712629359.webp)
भारत ने क्या कहा?
पाकिस्तान के बार-बार दुनिया के सामने कश्मीर मुद्दे पर रोने-धोने पर भारत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। नई दिल्ली ने कहा है कि कश्मीर पूरी तरह से भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मामला है। किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता या हस्तक्षेप का कोई सवाल ही नहीं है।
In a joint statement, Saudi Arabia and Pakistan stressed the importance of dialogue between Pakistan and India to resolve the outstanding issues between the two countries, (especially the Jammu and Kashmir dispute) to ensure peace and stability in the region. pic.twitter.com/rit3MNKsFY
— ANI (@ANI) April 9, 2024
अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद और बिगड़े रिश्ते
5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया। इसके बाद जम्मू और कश्मीर का दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन हो गया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध और खराब हो गए। इस कदम पर पाकिस्तान की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया हुई। हालांकि भारत ने हमेशा यह कहा है कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।
हालांकि, भारत ने हमेशा कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ आतंक, शत्रुता और हिंसा मुक्त वातावरण में सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है।