ईरानी राष्ट्रपति का पाकिस्तान दौरा: कश्मीर मुद्दे पर शहबाज ने मांगा समर्थन, तो इब्राहिम रायसी ने ऐसे दिखाया आईना

Iranian President Ebrahim Raisi
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Iranian President Ebrahim Raisi visits Pakistan
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने सोमवार को पाकिस्तान पहुंचे। साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरानशहबाज शरीफ ने कश्मीर का मुद्दा उठाया। लेकिन रायसी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

Iranian President Ebrahim Raisi:ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने सोमवार को पाकिस्तान पहुंचे। इस्लामाबाद दौरे पर रायसी ने पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। हालांकि, साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने कश्मीर के मुद्दे पर इब्राहिम रायसी का समर्थन हासिल करने की कोशिश की। हालांकि उनकी यह कोशिश विफल रही। ईरान के राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

ईरानी राष्ट्रपति की संतुलन बनाने की कोशिश
बता दें कि ईरान के साथ मौजूदा समय में भारत के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। दोनों देश राजनयिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। इसके साथ ही फिलिस्तीन पर भी भारत और ईरान के बीच बातचीत हो चुकी है। भारत ने इजराइल और ईरान दोनाें को ही जंग जैसे स्थिति से पीछे हटने की अपील की थी। भारत और ईरान अपने संबंधों को बेहतर बनाने में जुटे हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि ईरानी राष्ट्रपति ने कश्मीर के मुद्दे पर चुप्पी साध कर भारत के साथ अपने संंबंधों को लेकर संतुलन बनाने की कोशिश की।

तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे हैं रायसी
ईरान के राष्ट्रपति रायसी तीन दिवसीय यात्रा पर सोमवार को इस्लामाबाद पहुंचे। साझा संवाददाता सम्मेलन के दौरान, शहबाज शरीफ ने गाजा की स्थिति पर ईरान के रुख को कश्मीर की स्थिति से जोड़ने की मांग की। उन्होंने राष्ट्रपति रईसी को धन्यवाद देते हुए कहा, ''मैं कश्मीर के लिए आवाज उठाने के लिए आपको और ईरान के लोगों को धन्यवाद देता हूं। हालांकि, रायसी ने टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। रायसी ने अपने भाषण के दौरान इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से परहेज किया। इसके बजाय रायसी ने कहा कि फिलिस्तीन में उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने वालों को ईरान समर्थन देगा।कश्मीर के मुद्दे पर रायसी की चुप्पी शहबाज शरीफ के लिए अपमानजनक थी।

भारत और ईरान के संबंधों का इतिहास सैंकड़ों साल पुराना
पिछले साल, भारतीय दूतावास ने बताया था कि ईरान और भारत सार्थक संबंधों का एक लंबा इतिहास साझा करते हैं। तेहरान में भारतीय दूतावास द्वारा दिए गए एक प्रेस बयान में कहा गया था कि भारत और ईरान के संबंधों का इतिहास सैंकड़ों साल पुराना है। दोनों देशों के बीच मौजूदा संबंध इन ऐतिहासिक और सभ्यतागत रिश्तों की ताकत पर टिका है। इसके साथ ही दोनों देश हाई लेवल पर अपने रिश्तों को आगे बढ़ा रहे हैं। भारत और ईरान वाणिज्यिक और कनेक्टिविटी सहयोग, सांस्कृतिक और दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

जनवरी में ईरान के दौरे पर गए थे एस जयशंकर
इस साल जनवरी में, ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने तेहरान में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की मेजबानी की थी। दोनों नेताओं के बीच फिलिस्तीन में हिंसा के साथ-साथ ब्रिक्स देशों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा हुई थी। चूंकि ईरान के भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ द्विपक्षीय संबंध हैं। इसलिए ईरान का कश्मीर पर तटस्थ रुख बनाए रखना महत्वपूर्ण है। ईरान के राष्ट्रपति का पाकिस्तान बेहद अहम माना जा रहा है। इसकी मुख्य वजह यह है कि ईरान और पाकिस्तान ने एक-दूसरे की जमीन पर कथित आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ जवाबी हमले किए हैं। दोनों देशों अपने टूटे हुए संबंधों को सुधारने की कोशिश में है। पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद ईरान के राष्ट्रपति रायसी पाकिस्तान का दौरा करने वाले पहले विदेशी नेता हैं।

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