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शुक्रवार की शाम भारतीय नौसेना ने सोमालिया तट से अगवा जहाज लीला नॉरफॉक को छुड़ा लिया इस पूरे ऑपरेशन को नेवी के जाबांज मार्कोस कमांडो ने बेहद सधे तरीके से अंजाम दिया।

MV Lila Norfolk Operation in Somalia: शुक्रवार की शाम भारतीय नौसेना ने सोमालिया तट पर अगवा जहाज को हाईजैकर्स से छुड़ा लिया। इंडियन नेवी ने इस ऑपरेशन के बेहद सधे तरीके से अंजाम दिया। इसमें नौसेना के गाइडेड मिसाइल से लैस युद्धपोत, हेलिकॉप्टर, प्रिडेटर ड्रोन और नेवी के प्लेन का इस्तेमाल बेहद सुनियोजित ढंग से किया गया। एक ओर जहां मार्कोस कमांडो अगवा जहाज को बचाने के लिए ऑपरेशन चला रहे थे वहीं, दूसरी ओर टॉप नेवी कमांडर्स पूरी स्थिति पर लाइव नजर रख रहे थे। आईए स्टेप बाई स्टेप समझते हैं कि कैसे सफल रहा यह ऑपरेशन।

कब मिली जहाज के अगवा होने की जानकारी?
जहाज के अगवा होने की जानकारी गुरुवार यानी कि 4 जनवरी की शाम मिली। यूनाइटेड किंगडम मैरिटाइम ट्रेड ऑपरेशन पोर्टल को सबसे पहले इसकी जानकारी मिली। जहाज ने अगवा होने के तुरंत बाद इसी पोर्टल पर मैसेज भेजा था। यह ब्रिटेन की एक संस्था है जो समुद्र में जहाजों की गतिविधियों को मॉनिटर करती है। इस संस्था ने भारतीय नौसेना को बताया कि ब्राजील के पोर्ट डू एको बंदरगाह से बहरीन के खलीफा बिन सलमान बंदरगाह जा रहे जहाज एमवी लिला नॉरफॉक को अगवा कर लिया गया है। पांच से छह हथियारबंद लोग जहाज पर चढ़ गए हैं। इस पर 15 भारतीय समेत 21 क्रू मेम्बर्स सवार हैं। इसे साेमालिया तट से 300 नॉटिकल माइल पूर्व में अगवा किया गया है। 

सूचना मिलते ही एक्शन में आया इंडियन नेवी
जैसे ही इंडियन नेवी को जहाज के अगवा होने की जानकारी मिली यह एक्शन में आ गया। शुक्रवार देर शाम टोही विमानों को जहाज की खोज-खबर लेने के लिए रवाना किया गया। प्रिडेटर्स प्लेन को कहा गया कि वे जहाज के बारे में पल-पल की जानकारी पहुंचाते रहे। ड्रोन भी रवाना किए गए। इन सबके साथ ही स्टील्थ गाइडेड मिसाइल से लैस INS चेन्नई युद्धपोत को शुक्रवार की सुबह जहाज की ओर रवाना कर दिया गया। INS चेन्नई शुक्रवार शाम को अगवा जहाज के करीब पहुंच गया। इस पर भारतीय नौसेना के सबसे तेज तर्रार मार्कोस कमांडो बैठे थे। 

पहले जहाज के ऊपर उड़ाए गए प्लेन
INS चेन्नई प्लेन और हेलिकॉप्टर से लैस है। जैसे ही यह अगवा जहाज के पास पहुंचा इसने अपने एक विमान को जहाज के ऊपर से उड़ाया। इस प्लेन ने अगवा जहाज के क्रू मेम्बर्स से संपर्क स्थापित किया। क्रू मेम्बर्स से बातचीत होने पर पता चला कि वे सभी सुरक्षित हैं और जहाज के स्ट्रांग रूम में हैं। वहीं से जहाज को ऑपरेट कर रहे हैं। क्रू मेम्बर्स कहां है इसकी वास्तविक जानकारी मिलते ही नौसेना कमांड ने मार्कोस कमांडो को ऑपरेशन शुरू करने की हरी झंडी दे दी। 

हेलिकॉप्टर से जहाज के डेक पर उतरे मार्कोस
मार्कोस कमांडो ने अपना ऑपरेशन बेहद सधे तरीके से शुरू किया। पहले हेलिकॉप्टर से बैठकर अगवा जहाज के ऊपर चक्कर काटे। इसके बाद हाईजैकर्स को आगाह किया  कि वे तुरंत जहाज को खाली कर दें। कोई जवाब नहीं मिलने पर मार्कोस कमांडो ने हेलिकॉप्टर से सीधे जहाज के डेक पर छलांग लगाई। इसके बाद एक एक कर जहाज के सभी डेक को छान मारा लेकिन एक भी हाईजैकर नहीं मिला। नेवी के मुताबिक, चेतावनी सुनने के बाद और चारों ओर से घिरे होने के कारण हाईजैकर्स जहाज छोड़ कर भाग गए। इसके बाद सभी क्रू मेम्बर्स को सुरक्षित निकाल लिया गया और ऑपरेशन सफल होने का ऐलान कर दिया गया। 

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