पाकिस्तान चुनाव की काउंटिंग से पहले जोड़ तोड़ की कोशिश, इमरान के निर्दलीय कैंडिडेट्स को लुभाने में जुटे नवाज शरीफ

Imran Khan Candidates
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अब इमरान समर्थित निर्दलीय प्रत्याशियों को लुभाने में जुट गए हैं।
Imran Khan Candidates:पाकिस्तान में शुक्रवार को आम चुनाव के वोटों की गिनती के बीच जोड़ तोड़ की कोशिशें शुरू हो गई है। इमरान खान के समर्थन वाले इंडिपेंडेंट कैंडिडेट आगे चल रहे हैं। इसके साथ ही नवाज शरीफ ने उन्हें अपने पाले में करने की कोशिश तेज कर दी है।

Imran Khan Candidates: पाकिस्तान में शुक्रवार को आम चुनाव के वोटों की गिनती जारी है। शुक्रवार शाम तक इमरान का समर्थन करने वाले 60 से ज्यादा कैंडिडेट्स ने जीत चुके थे। वहीं, नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल (एन) को 43 सीटें मिली हैं। ऐसे में सरकार बनाने के लिए अपनी दावेदारी मजबूत करने के मकसद से नवाज शरीफ ने इमरान समर्थक कैंडिडे‍ट्स के साथ संपर्क साधाना शुरू कर दिया है।

इमरान की पार्टी का दावा दो तिहाई सीटें जीतेंगे
इमरान की पार्टी के चीफ आर्गनाइजर उमर अयूब खान ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी किया। इसमें कहा कि पार्टी की ओर से समर्थित इंडिपेंडेंट कैंडिडेट़्स दो तिहाई सीटें हासिल कर सकती हैं। हालांकि उन्होंने पाकिस्तान चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उमर अयूब ने कहा कि चुनावा नतीजों की घोषणा में देरी होने और इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने के कारण पार्टी समर्थित प्रत्याशियों के नतीजों में हेरफेर होने का डर है।

किसी एक पार्टी को बहुमत मिलने की उम्मीद नहीं
पाकिस्तान में केंद्र सरकार बनाने के लिए संसद में 133 सीटों की जरूरत होती है। इसके लिए एक पार्टी को या उसके सहयाेगी दलों को साथ मिलाकर 133 सीटों का आंकड़ा पार करना जरूरी है। काउंटिंग के जो रुझान सामने आए हैं,उससे किसी एक पार्टी को बहुमत मिलने की कम उम्मीद है। चुनाव में तीन पार्टी प्रमुख है जिनमें नवाज शरीफ की अगुवाई वाली पीएमएल (एन), इमरान खान की पीटीआई और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) शामिल हैं।

एक पार्टी को बहुम नहीं मिला तो क्या विकल्प
अगर किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला तो दो पार्टियां मिलकर सरकार बना सकती हैं। हालांकि, मौजूदा समय में ऐसा होता नजर नहीं आ रही है। नवाज शरीफ, बिलावल भुट्टो और इमरान खान तीनों ही एक दूसरे के खिलाफ मान जाते हैं। ऐसे में यह मुूमकिन नहीं हैं। वहीं, भीतर खाने यह भी सुगबुगाहट है कि कहीं इमरान और नवाज की अदावत के बीच बिलावल को फायदा ना हो जाए। बिलावल भुट्टो काे पाकिस्तान सेना की मदद मिल सकती है। सेना बिलावल भुट्टो को निर्दलीय कैंडिडेट का समर्थन दिला सकती है।

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