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Ram Mandir Update: अयोध्या में राम मंदिर के प्रथम तल के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। मंदिर निर्माण को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अहम जानकारी साझा की है।

Ram Mandir Update: राममंदिर उद्घाटन की तारीख करीब आते ही निर्माण कार्य की गति बढ़ा दी गई है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 15 जनवरी तक पूरी व्यवस्थाएं करने में जुटा है। इसी को देखते हुए 500 मजदूर निर्माण कार्य में और लगाए दिए गए हैं। बात दें अभी तक 3,500 मजदूर मंदिर निर्माण में जुटे थे। अब इनकी संख्या चार हजार कर दी गई है। साथ ही अब तीन शिफ्ट में यानी 24 घंटे निर्माण कार्य चल रहा है।

रामलला के दर्शन के लिए 33 सीढ़ियां चढ़नी होगी
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के राम मंदिर के नक्शे का वर्णन किया। चंपत राय ने बताया कि रामलला के दर्शन के लिए भक्तों को 33 सीढ़ियां चढ़नी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण 70 एकड़ भूमि के उत्तरी भाग पर किया जा रहा है। यहां तीन मंजिला मंदिर बनाया जा रहा है।

तीन चरणों में पूरा होगा निर्माण कार्य
ट्रस्ट ने बताया कि राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को तीन चरणों में पूरा होगी। तीसरा और आखिरी चरण के निर्माण की प्रक्रिया को दिसंबर 2025 तक पूरा कराया जाएगा। मंदिर के भूतल का काम पूरा हो चुका है, पहली मंजिल निर्माणाधीन है। इसका कार्य अगले साल पूरा हो जाएगा।

आठ फीट लंबे सिंहासन का कार्य जारी
राममंदिर का भूतल बनकर तैयार हो चुका है। इसकी फिनिशिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। भूतल में फर्श बिछाने का काम लगभग पूरा होने को है। मंदिर के गर्भगृह में बने तीन फीट ऊंचे व आठ फीट लंबे सिंहासन को स्वर्णजड़ित किए जाने का भी काम शुरू हो गया है। सिंहासन पर तांबे की चादर चढ़ाई जा रही है। तांबे पर सोने की परत चढ़ाई जाएगी।

भूकंप रोधी बनेगा राम मंदिर
अयोध्या राम मंदिर निर्माण पर एलएंडटी के मंदिर और परकोटा निर्माण के प्रभारी अंकुर जैन ने कहा कि ''जहां तक ​​भूकंप का सवाल है, अगर हम आईएस कोड को देखें तो यह जोन नंबर 3 के अंतर्गत आता है लेकिन मंदिर को इस तरह डिजाइन किया गया है प्रति जोन नंबर 4।  सीबीआरआई रूड़की(CBRI Roorkee)ने इसकी नींव के डिजाइन की जांच की है। विशेषज्ञों ने इसे ग्रेनाइट पत्थर से डिजाइन करने का सुझाव दिया है क्योंकि इसमें आवश्यक घनत्व है इसलिए हमने इसे कृत्रिम चट्टान के रूप में उपयोग किया है।"

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