गोगामेड़ी हत्याकांड: जिंदगी की जंग लड़ रहा चश्मदीद गवाह, परिवार ने लगाई न्याय की गुहार

sukhdev singh gogamedi
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सुखदेव सिंह गोगामेड़ी।
जयपुर के बहुचर्चित सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में स्कूटी सवार गवाह की हालत नाजुक बताई जा रही है। घायल स्कूटी सवार घटना के दौरान निकल रहा था तभी बदमाशों ने गोली मारकर स्कूटी छीन ली और भाग निकले। घायल का अब गंभीर अवस्था में इलाज जारी है। हेमराज खटीक के परिवार ने न्याय की गुहार लगाई है।

Gogamedi case: करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की जयपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में सुखदेव सिंह समेत 3 लोगों की जान चली गई थी। लेकिन 2 गोली लगने के बाद भी स्कूटी सवार हेमराज खटीक बच गया। अब अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है।

राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे भारत का सबसे चर्चित गोगामेड़ी हत्याकांड रहा है। जयपुर में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी अपने घर में बैठे हुए थे। तभी दो युवक मिलने के बहाने घर में प्रवेश कर गए। लगभग 10 मिनट तक बातचीत चलती रही, तभी अचानक से सुखदेव सिंह के मोबाइल में फोन बजता है और जैसे ही फोन उठाकर बात करने लगते हैं। तो आरोपियों के ऊपर से नजर हट जाती है इसी दौरान आरोपियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करना शुरू कर दिए।

स्कूटी सवार को भी मारी गोली
आरोपियों ने कई राउंड गोलियां दागी। इतना ही नहीं जिसके माध्यम से गोगामेड़ी के घर तक पहुंचे थे। उसको भी गोली मार दी। इस घटना में गोगामेड़ी और उनके अंगरक्षक अजीत सिंह के अलावा एक अन्य युवक की हत्या हो गई थी। इसके बाद शूटरों ने घर भागना शुरू कर दिया। भागते समय एक स्कूटी सवार युवक दिखा तो उसे भी गोली मार दी और स्कूटी लेकर फरार हो गए। स्कूटी सवार को दो गोलियां लगी हैं। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

स्कटी सवार हेमराज के परिवार में पत्नी के अलावा उसकी तीन बेटियां हैं जो पढ़ाई करती हैं। लेकिन हेमराज के घायल होने के बाद से घर की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चौपट हो गई है। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। जिसके लिए पत्नी दरबदर भटक रही है।

परिवार ने लगाई न्याय की गुहार
घायल युवक हेमराज की पत्नी का कहना है कि हमारे घर का और बच्चियों की पढ़ाई का खर्च सब कुछ हेमराज ही उठाते थे लेकिन गोली लगने के बाद परिवार हर प्रकार से टूट चुका है। सरकार द्वारा त्वरित आस्वासन दिया गया था लेकिन कोई अमल नहीं किया जा रहा। सरकार ने एक सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद का भरोसा दिया था। मदद नहीं मिलने पर जयपुर के शहीद स्मारक में धरने पर बैठने को हेमराज का परिवार मजबूर है।

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