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Ruckus in Punjab Assembly: पंजाब विधानसभा में सोमवार को बजट सत्र के दूसरे दिन जमकर हंगामा हुआ। सीएम भगवंत मान और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। मामला इतना बढ़ गया कि सीएम भगवंत हाथापाई पर उतारू हो गए।

Ruckus in Punjab Assembly: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और कांग्रेस विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के बीच सोमवार को विधानसभा में तीखी बहस हुई। दोनों के बीच बहस विपक्ष द्वारा राज्यपाल के अभिभाषण को कथित तौर पर बाधित करने के बाद  शुरू हुआ। मामला इतना बढ़ गया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान हाथापाई पर उतारु दिखे। भगवंत मान उंगली दिखाते हुए विपक्षी विधायकों की ओर बढ़ने लगे। इसके बाद विपक्षी विधायक भी उनकी ओर बढ़ने लगे। हालांकि सदन में मौजूद अन्य विधायकों ने दोनों नेताओं को शांत कराया।

बजट सत्र शुरू होते ही हंगामे का आगाज
पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई हंगामा शुरु हो गया। सीएम भगवंत मान ने स्पीकर कुलदीप सिंह संधवा को ताला और चाबी देते हुए कहा कि इसे विधानसभा के बाहर लगा दें, जिससे विपक्षी बाहर न निकल पाए और वहीं बैठकर सच सुन सके। भगवंत मान ने कहा कि विपक्षी विधायकों ने राज्यपाल का भाषण  पूरा नहीं होने दिया क्योंकि इसमें सच लिखा हुआ है। सीएम ने कहा कि विपक्ष बहाना बनाकर भागने की कोशिश कर रहा है लेकिन उन्हें भागने नहीं दिया जाए। इसके बाद विपक्षी नेता प्रताप सिंह बाजवा भड़क उठे। उन्होंने अपनी बात रखनी शुरू की लेकिन उनका माइक की आवाज ऑन नहीं की गई।

मान ने कहा विपक्षी नेताओं के मुंह पर ताला लगा दिया जाए
इसके बाद भी सीएम भगवंत मान नहीं थमे। उन्होंने कहा कि मैं एक और ताला देता हूं जिसे उनके (बाजवा के) मुंह पर लगा दिया जाए। इसके बाद एक बार फिर से दोनों नेताओं में बहस शुरू हो गई। विपक्षी नेताओं ने पूछा कि क्या उन्हें विपक्षी नेताओं के मुंह पर ताला लगाने का अधिकार है। इस बीच भगवंत मान और बाजवा ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दे डाली। बाजवा ने कहा कि भगवंत मान एक बार लोकसभा चुनाव लड़ लें उन्हें अपनी लोकप्रियता का अंदाजा लग जाएगा। बाजवा ने यह भी कहा कि अगर मान चुनाव लड़ते हैं तो मैं उनके खिलाफ मैदान में उतरेंगे। इसके बाद सीएम कुछ देर के लिए विधानसभा से बाहर निकल गए।

निजी हमले करने लगे मान और बाजवा
जैसे-जैसे बहस बढ़ी दोनों नेता निजी हमलों पर उतर आए, सीएम मान ने आरोप लगाया कि बाजवा उन्हें अपमानजनक तरीके से संबोधित कर रहे हैं। सीएम मान ने कहा कि बाजवा उन्हें तू-तू करके संबोधित कर रहे हैं। इस पर  वित्त मंत्री हरपाल सीमा और कुछ विधायकों ने मान का समर्थन किया। वहीं, सुखजिंदर रंधावा और डॉ. राजकुमार चब्बेवाल बाजवा के समर्थन में आ गए। स्थिति इतनी उग्र हो गई कि आप और कांग्रेस विधायकों के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गई। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विवादित टिप्पणियों को सदन के रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया। 

निंदा प्रस्ताव एवं विशेषाधिकार समिति का प्रस्ताव
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हुए व्यवधान के जवाब में, मंत्री बलकार सिंह ने अराजकता पैदा करने में उनकी भूमिका के लिए संदीप जाखड़ को छोड़कर, कांग्रेस विधायकों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने इस मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंपने का प्रस्ताव रखा। अध्यक्ष ने प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए इसे आगे की जांच के लिए समिति को सौंप दिया।

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