भोपाल एम्स के डॉक्टरों को बड़ी सफलता, 30 मिनट में महिला के 'दिल को फिर से धड़काया' 

Bhopal AIIMS
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भोपाल एम्स के कॉर्डियक विभाग के डॉक्टरों की टीम ने महिला के हार्ट की सफलतापूर्वक सर्जरी की।
भोपाल एम्स के कॉर्डियक विभाग के डॉक्टरों ने 30 मिनट में महिला के दिल की सफल सर्जरी की। डॉक्टरों की टीम ने 'इंट्राकार्डियक पेसमेकर' का विकल्प चुना।

एम्स भोपाल में कुछ समय पहले एक महिला कार्डियक ओपीडी में आई थी। उसे पेसमेकर लगा हुआ था। जब वे ओपीडी में आई थी, तब पेसमेकर डिवाइस और तार दोनों शरीर से बाहर लटक रहे थे। जिसके चलते उस जगह संक्रमण फैल गया था। ऐसे में पुराने तारों व डिवाइस निकालना डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी। आमतौर पर इसे नामुमकिन माना जाता है। लेकिन भोपाल एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने इस जटिल प्रोसेस को अपनी कार्यकुशलता के बल पर कर दिखाया। जिससे मरीज की जान बचाई जा सकी।

यही नहीं महिला पूरी तरह स्वस्थ है। उल्लेखनीय है कि इस तरह का ऑपरेशन एमपी में अब तक सिर्फ दो बार ही हुआ है। उसमें भी प्रदेश के किसी सरकारी अस्पताल में ऐसी सर्जरी नहीं की गई है।

क्यों चुना इंट्राकार्डियक पेसमेकर का विकल्प

सर्जरी करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि महिला को पुराने पेसमेकर वाली जगह पर संक्रमण था। डिवाइस और तार दोनों शरीर से बाहर लटक रहे थे। एक कठिन प्रक्रिया में तारों सहित पिछले उपकरण को सफलतापूर्वक हटा दिया गया। जिससे संक्रमण के इलाज में मदद मिली। इसके बाद कोरोनरी धमनी में बीमारी के लिए CTVS टीम द्वारा कोरोनरी बाईपास किया गया। फिर रक्त में बार-बार होने वाले संक्रमण और पिछले इतिहास को देखते हुए इंट्राकार्डियक पेसमेकर का विकल्प चुना गया।

30 मिनट में कर दी सर्जरी

यह प्रक्रिया आधे घंटे की अल्प अवधि में सफलतापूर्वक संपन्न की गई। पेसमेकर लगाने के लिए मरीज को छाती पर किसी कट की जरूरत नहीं पड़ी और न ही किसी तार की जरूरत पड़ी। एक छोटा उपकरण (माइक्रा) हृदय के अंदर डाला गया और रोगी को हृदय गति की समस्याओं से राहत मिली।

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह ने कहा कि इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक करने पर हमें अपनी टीम के असाधारण कौशल और समर्पण पर बेहद गर्व है। यह उपलब्धि एम्स भोपाल की असाधारण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और चिकित्सा नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। डॉक्टरों की टीम में डॉ. किसलय श्रीवास्तव, डॉ. मधुर, डॉ. भूषण शाह की कार्डियोलॉजी टीम द्वारा सीटीवीएस टीम के बैकअप सहयोग से सफलतापूर्वक किया गया। इसमें डॉ. योगेश निवारिया, डॉ. किशन, डॉ. सुरेंद्र और डॉ. विक्रम वती भी शामिल रहे।

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