Logo
election banner
Maharashtra Speaker Rejects Disqualification Petitions: महाराष्ट्र की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार और अन्य विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया।

Maharashtra Speaker Rejects Disqualification Petitions: महाराष्ट्र की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार और अन्य विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया है। पिछले साल जून में शरद पवार के खिलाफ बगावत करने वाले 41 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की मांग की गई थी। यह मांग शरद पवार नेतृत्व वाले एनसीपी (शरद चंद्र पवार) ने की थी। 

तो इसलिए नहीं ठहराया जा सकता अयोग्य
राहुल नार्वेकर ने कहा कि अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत की थी। उनकी इस बगावत में कई विधायकों ने साथ दिया। इसके बाद अजित पवार भाजपा और शिवसेना के साथ गठबंधन किया। ऐसे में उन विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि वे पार्टी की इच्छा के अनुसार काम कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि दोनों गुट दावा कर रहे हैं कि वे असली एनसीपी हैं। आर्टिकल 21 के मुताबिक, पार्टी की वर्किंग कमेटी में 21 सदस्य होते हैं। अजित पवार गुट ने 30 जून को राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ही असली राजनीतिक पार्टी है। अजित पवार के पास 41 विधायकों के साथ विधायी बहुमत है। इसलिए अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली सभी याचिकाएं खारिज की जाती हैं।

41 विधायक अजित पवार के साथ गए
बता दें कि विभाजन से पहले एनसीपी के पास 53 विधायक थे। मामला शांत होने के बाद, उनमें से 41 अजित पवार के पक्ष में चले गए, केवल 12 शरद पवार के पास रह गए थे। शरद पवार ने 1999 में अपनी पार्टी एनसीपी बनाई थी। पिछले हफ्ते चुनाव आयोग ने कहा था कि अजित पवार गुट असली एनसीपी है। चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम अजित पवार को मिल गया था। 

शरद पवार को बदलना पड़ा पार्टी का नाम
चुनाव आयोग ने शरद पवार से पार्टी का नया नाम और चुनाव चिन्ह मांगा था। शरद पवार गुट का नाम बदलकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार कर दिया गया। नाराज एनसीपी ने चुनाव आयोग की कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या करार दिया था। 

पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि एनसीपी की स्थापना किसने की। इसके बावजूद चुनाव आयोग ने जो किया, वह लोकतंत्र की हत्या है। चुनाव आयोग के आदेश को लेकर शरद पवार के खेमे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 

5379487