MP News: सतना मेडिकल कॉलेज प्रोजेक्ट में कटौती, जनता का बढ़ता आक्रोश, शहर में लगे विधायक गुमशुदा के पोस्टर

Satna Medical College project
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Siddharth Kushwaha
सतना मेडिकल कॉलेज प्रोजेक्ट में किए गए बजट में कटौती के चलते शहर में विरोध का माहौल गर्माता जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृत 550 करोड़ रुपए की राशि को घटाकर 383 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

MP News : सतना मेडिकल कॉलेज प्रोजेक्ट में किए गए बजट में कटौती के चलते शहर में विरोध का माहौल गर्माता जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृत 550 करोड़ रुपए की राशि को घटाकर 383 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिससे कैंसर यूनिट समेत कई महत्वपूर्ण सुविधाओं को हटा दिया गया है।

विधायक के लगे 'गुमशुदा' होने के पोस्टर
बजट में कटौती को लेकर आम जनता, व्यापारी संगठन और राजनीतिक दल खुलकर विरोध जता रहे हैं। सोमवार रात को शहर के विभिन्न इलाकों में कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा के 'गुमशुदा' होने के पोस्टर चस्पा कर दिए गए।

भाजपा नेताओं ने भी किया विरोध
इस मामले में विरोध सिर्फ विपक्ष तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सत्ता पक्ष के नेता भी इसमें खुलकर सामने आ गए हैं। नगरीय प्रशासन एवं आवास राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी ने इस कटौती का विरोध किया है। वहीं, भाजपा जिला महामंत्री ऋषभ सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जनता की भावनाओं से अवगत कराया। भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर इस फैसले के खिलाफ विरोध जताया।

सोशल मीडिया पर भी उठा मुद्दा
सोशल मीडिया पर भी लोग इस मुद्दे पर लगातार चर्चा कर रहे हैं। फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर सतना मेडिकल कॉलेज से जुड़ी योजनाओं में कटौती के विरोध में पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं। आम लोग सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

व्यापारी संगठन भी उतरे मैदान में
मेडिकल कॉलेज से कैंसर यूनिट हटाए जाने को लेकर व्यापारियों में भी नाराजगी देखी जा रही है। विंध्य चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सतीश सुखेजा ने इस मुद्दे पर बुधवार शाम 4 बजे बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि यह विषय सिर्फ स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि सतना के विकास से भी जुड़ा हुआ है। इस बैठक में व्यापारी समुदाय मिलकर आगे की रणनीति तय करेगा।

जनता की मांग – निर्णय पर पुनर्विचार हो
सतना की जनता सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग कर रही है। कैंसर यूनिट जैसी महत्वपूर्ण सुविधा को हटाना न सिर्फ मरीजों के लिए हानिकारक है, बल्कि यह पूरे विंध्य क्षेत्र के स्वास्थ्य ढांचे को भी प्रभावित करेगा। जनता चाहती है कि सरकार इस फैसले को वापस ले और पहले की तरह 550 करोड़ रुपये की पूरी राशि मेडिकल कॉलेज के विकास के लिए जारी करे।

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