Noorjahan Aam : ​​​​​​​अनोखे स्वाद और आकार के चलते खास है MP का यह आम, जानें कहां से आए पौधे और पूरा इतिहास  

Noorjahan Aam
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अनोखे स्वाद और वजन के चलते नूरजहां आम है खास
Noorjahan Aam : आम फलों का राजा होता है, भारत के लोग आमों की खरीदारी करते हैं। विभिन्न किस्म के आमों में मध्य प्रदेश में पाए जाने वाले इस आम का जानें इतिहास।

Noorjahan Aam : फलों के राजा आम की बात यूं तो हमेशा की जाती है। देशभर में विभिन्न किस्म के आमों में मध्य प्रदेश के अलीराजपुर के कट्ठीवाड़ा में पाया जाना वाला नूरजहां आम सबसे अलग है। नूरजहां आम अपने अनोखे स्वाद और वजन के चलते अन्य किस्म के आमों की तुलना में बहुत खास माना जाता है।

पेड़ों की संख्या अब सिर्फ 3 ही बची
नूरजहां आम के पेड़ों को बचाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार की ओर से भी पहल की जा रही है। इस आम के पेड़ को लेकर यह जानकारी सामने आई है कि नूरजहां आम के पेड़ों की संख्या अब सिर्फ 3 की संख्या में ही बचे हैं। यदि इन पेड़ों की सुरक्षा के और अधिक इंतजाम नहीं किए गए या नए पेड़ों को नहीं लगाया तो यह आम दुर्लभ भी हो सकते हैं।

नेशनल अवॉर्ड और ‘किंग ऑफ मैंगो’ से सम्मानित
नूरजहां आम को वर्ष 1999 और 2010 में नेशनल अवॉर्ड और ‘किंग ऑफ मैंगो’ से सम्मानित किया गया है। करीब 11 इंच तक की लंबाई वाले इन आमों का वजन भी करीब 5 किलोग्राम तक होता है। इस समय इस आम की कीमत 22 सौ रुपए प्रति किलो की दर से चल रही है। वातावरण के अनुसार इस आम के पेड़ केवल मध्य प्रदेश में ही बहुत पहले लगाए जा सके थे। इस आम के पेड़ों को अफगानिस्तान से लाया गया था।

वर्ष 1577 से 1645 में पेड़ों को भारत लाया गया
नूरजहां आम का नाम मुगलकालीन मल्लिका नूरजहां के नाम पर रखा गया था। इस आम के पेड़ों की पैदावार अफगानिस्तान में होती है। वर्ष 1577 से 1645 में इस आम के पौधे को भारत लाया गया। देश के अन्य प्रदेशों के साथ ही मध्य प्रदेश के अलीराजपुर इसके पौधों को लगाया गया। यहीं पर ही यह पौधे से पेड़ बने और देशभर के लोगों यहीं से नूरजहां आम खाने को मिल रहे हैं। अलीराजपुर के कट्ठीवाड़ा में इस आम की बागवानी करने वालों के अनुसार फरवरी महीने से पेड़ में इसके बौर आने की शुरुआत हो जाती है। देशभर से आम की खरीदारी के लिए व्यापारी यहां पहुंचते हैं।

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