Indore Police big action on land fraud: मध्य प्रदेश के इंदौर में प्लाट कब्जे के 13 साल पुराने में तत्कालीन नायब तहसीलदार सहित तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इंदौर की राजेन्द्र नगर थाना पुलिस ने बताया, आरोपी तहसीलदार ने 2011 में इंदौर पदस्थापना के दौरान जमीन पर कब्जे की साजिश की थी। 13 साल चली जांच के बाद डीसीपी ने केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। विवादित जमीन की कीमत तकरीबन 4 करोड़ बताई जा रही है। 

डीसीपी आदित्य मिश्रा ने बताया कि गोपुर कॉलोनी में रहने वाले अच्युत पदमावर और उनकी पत्नी सरिता ने शिकायती पत्र देकर बताया था कि नायब तहसीलदार योगेन्द्र उर्फ कृष्णा पुत्र श्याम सुंदर राठौर, निवासी सुदामा नगर, निलेश भावसार स्कीम-71 और अजय जैनकर सुदामा नगर फर्जी डॉक्यूमेंट बनाकर प्लॉट कब्जे की कोशिश कर रहे हैं। एसीपी की जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया। 

पीड़ित दंपती ने शिकायती-पत्र में बताया कि आरोपियों ने गलत जानकारी देकर कोर्ट को गुमराह किया है। नायब तहसीलदार का बीजेपी नेता और पूर्व पार्षद है। वर्तमान में वह देवा जिले में पदस्थ हैं। पीड़ित पक्ष ने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।