भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक में हंगामा: पार्षदों ने अधिकारियों के खिलाफ की नारेबाजी, अपर आयुक्त निधि सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास

आनंद सक्सेना, भोपाल
भोपाल नगर निगम परिषद की 11 वीं साधारण सभा की बैठक शुक्रवार, 13 दिसंबर को आयोजित की गई। इस बैठक के लिए पहले से सड़क बिजली और पानी को लेकर कोई एजेंडा नहीं था लेकिन पार्षदों के द्वारा हंगामा करने के बाद इन्हीं मुद्दों पर चार घंटे बहस चली। एक मौका ऐसा आया जब सत्ता और प्रतिपक्ष पार्षदों ने एक साथ मिलकर आसंदी को घेरा और अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे। इस कारण अपर आयुक्त निधि सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास कर उन्हें अपने मूल विभाग में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस पार्षदों ने जमकर हंगामा और नारेबाजी की। क्योंकि 11 बजे से शुरू होने वाली बैठक में महापौर और अध्यक्ष 11 बजकर 50 मिनट तक नहीं पहुंचने से नाराज कांग्रेस पार्षदों ने बैठक चालू करो के नारे लगाए। बैठक में पार्षद अवैध पार्किंग को लेकर चर्चा कराना चाह रहे थे। इस कारण लगातार हंगामा होता रहा। इसके बाद लोकहित के तीन विषय रखने के बाद प्रश्नकाल शुरू किया गया। इस पर ज्यादा प्रभावशाली चर्चा न होने से एक घंटे से पहले ही समाप्त हो गया।
3 लाख लीटर पानी आरएएफ को देगा निगम
परिषद शुक्रवार को हुई बैठक को लेकर एजेंडे में एक ही विषय रखा गया था। इसके अनुसार बंगारसिया स्थित आरएएफ ने तीन लाख लीटर पानी की मांग नगर निगम भोपाल से की है। इस पर आने वाला पूरा खर्चा आरएएफ द्वारा उठाया जाएगा। इस प्रस्ताव को परिषद ने सर्वसम्मति से अनुमति दे दी।
पार्किंग में अवैध वसूली पर हंगामा
पार्षद पप्पू विलास द्वारा न्यू मार्केट में प्रीमियम पार्किंग के मुद्दे पर भ्रष्टाचार को लेकर परिषद अध्यक्ष से लगातार चर्चा कराने की गुहार लगाते नजर आए। जिसके बाद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी और उनके बीच बहस भी हुई। जिसके बाद कांग्रेस पार्षदों ने वार्ड की समस्याएं लिखी तख्तियां लहराई। इसके बाद निगम अध्यक्ष ने इस मामले में चर्चा करवाई। पार्षद पप्पू विलास और योगेंद्र चौहान गुड्डू ने आरोप लगाया कि शहर में कहीं भी व्यवस्थित पार्किंग नहीं है। न्यू मार्केट और विट्टन मार्केट में अवैध वसूली चल रही है। वसूली करने वाले वाहन चालकों को डरा और धमका कर वसूली कर रहे हैं।
अपर आयुक्त निधि सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित
बैठक में अप्रयुक्त निधि सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया गया। बैठक में उनके खिलाफ विपक्ष और सत्ता पक्ष ने काम में लापरवाही जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनने फोन नहीं उठाने और फाइलें अटकाने की शिकायतें की। इसके बाद उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया गया और सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। नगर निगम परिषद में 32 साल बाद फिर किसी अधिकारी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया और सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। बैठक में आयुक्त सहित सभी अधिकारियों के खिलाफ गुस्सा था, लेकिन अपर आयुक्त निधि सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास हुआ। 32 साल पहले तत्कालीन आयुक्त डीके व्यास के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास हुआ था और सेवाएं राज्य शासन को वापस की गई थीं।
आयुक्त और निगम अधिकारियों ने छोड़ी बैठक
आयुक्त एवं अन्य निगम अधिकारी सीएम के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बैठक बीच में ही छोड़ कर चले गए। पार्षद पप्पू विलास ने इस बात का विरोध किया। जिसके बाद परिषद अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री का बड़ा कार्यक्रम है। नगर निगम कई तरह की व्यवस्थाएं देख रही है। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने भी विरोध दर्ज कराया।
बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस पार्षदों का हंगामा
बैठक शुरू होने से पहले ही कांग्रेस पार्षदों ने 16 दिसंबर को कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर हटाए गए होर्डिंग को लेकर नारेबाजी की। इसे लेकर अध्यक्ष की आसंदी को घेर लिया। वहीं बीजेपी पार्षदों ने कहा कि होर्डिंग की परमिशन नहीं ली। किराया नहीं दिया तो हटा दिए होंगे। हंगामा देख परिषद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने आश्वासन दिया कि इस तरह की भेदभाव पूर्ण कार्रवाई नहीं होगी।
पिछली बैठक के प्रस्ताव पर अभी नहीं हुआ अमल
तीन माह पहले हुई परिषद की बैठक में शहर में चारों तरफ प्रवेश द्वार बनानेए हर घर व्यक्तिगत नल कनेक्शन अवैध पार्किंग वसूली पर कार्रवाई के लिए कमेटी बनाना जैसे बड़े प्रस्तावों पर अभी तक अमल नहीं हुआ।