Logo
election banner
AIIMS Bhopal के चिकित्सकों ने 54 वर्षीय मरीज का स्टेम सेल ट्रांसप्लांट कर ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को ठीक कर दिया। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के अभाव में उसका इलाज असंभव था।

AIIMS Bhopal : भोपाल निवासी मरीज को बीमारी की जानकारी जुलाई 2023 में तब लगी, जब वह उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में पहुंचा। वहां उपचार के बााद आराम नहीं मिला तो एम्स भोपाल पहुंचे। शुरुआत में कीमोथेरेपी दी गई, जिसके बीमारी ठीक हो गई। लेकिन स्थायी समाधान के लिए स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की योजना बनाई गई। रोगी और उसके परिवार को प्रक्रिया की आवश्यकता, प्रक्रिया, जटिलताओं और अवधि के बारे में विस्तार से समझाया गया। उनकी सहमति के बाद दिसंबर में भर्ती किया गया। 

स्टेम सेल डोनर उनकी 50 वर्षीय बहन थीं। उनके शरीर में स्टेम सेल बढ़ाने के लिए चार दिन दवा दी गई। इसके बाद एफेरेसिस मशीन (रक्तदान की तरह) के माध्यम से उनके शरीर से स्टेम कोशिकाएं एकत्र की गईं। लगातार 2 दिन तक एफेरेसिस किया गया, क्योंकि पहले दिन आवश्यक स्टेम सेल की मात्रा नहीं मिली। यह स्टेम कोशिकाएं रोगी के शरीर में रक्त की तरह डाली गईं। दान की गई स्टेम कोशिकाएं जनवरी के पहले सप्ताह से उनके शरीर में बढ़ने और काम करने लगीं। मरीज़ को अब अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वह पूर्णत: ठीक हैं। अगले 1 साल तक बारीकी से नजर रखी जाएगी।

इस प्रक्रिया में मेडिकल ऑन्कोलॉजी/हिमैटोलॉजी विभाग, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग, पैथोलॉजी विभाग और रेडियोथेरेपी विभाग के डॉक्टरों की एक समर्पित टीम शामिल थी। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने इस प्रक्रिया के लिए टीम का हर संभव समर्थन किया। साथ ही सफल ट्रांसफ्यूजन के लिए पूरी टीम को बधाई दी। 
 

5379487