सरकारी नौकरी न मिलने पर युवक ने निगला जहर:  कई साल से कर रहा था तैयारी, ग्रुप-डी की लिस्ट में भी नहीं आया नाम 

File photo of deceased Monu
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मृतक मोनू का फाइल फोटो 
हांसी में सरकारी नौकरी नहीं मिलने पर युवक ने जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और युवक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया।

Hansi : पिछले कई वर्षों से सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा क्षेत्र का युवक इतना निराश हुआ कि एमएससी करने के बावजूद जब ग्रुप डी में भी चयन नहीं हुआ तो जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली। खास बात यह है कि उक्त युवक दूसरे युवाओं को नौकरियों की कोचिंग देता था और उनमें से कई युवकों को नौकरी भी मिल गई थी, लेकिन वह खुद नौकरी पाने में असफल रहा। इसी से युवक काफी हताश व निराश था, जिसके कारण उसने अपनी जीवनलीला ही समाप्त कर ली। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की।

ग्रुप डी के रिजल्ट का युवक कर रहा था इंतजार

मृतक की पहचान गांव जीतपुरा निवासी 26 वर्षीय मोनू यादव के रुप में हुई है। मोनू यादव ग्रुप-डी के रिजल्ट का इंतजार कर रहा था और कुछ दिन पहले आए ग्रुप-डी के रिजल्ट में भी उसका नाम नहीं आया। ग्रुप-डी में भी जब उसका चयन नहीं हुआ तो वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गया और उसने गांव देपल के समीप जहरीला पदार्थ निगल लिया। मोनू द्वारा जहरीला पदार्थ निगल लिए जाने का पता चलने पर आसपास के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर पुलिस ने नागरिक अस्पताल पहुंचकर मृतक के पिता धर्मबीर यादव के बयान पर कार्रवाई करते हुए शव का बुधवार को पोस्टमॉर्टम करवाया।

भिवानी जाने की बात कहकर घर से निकला था युवक

मृतक के पिता धर्मबीर के अनुसार मोनू मंगलवार दोपहर को घर से भिवानी जाने की बात कहकर निकला था, लेकिन मोनू ने मंगलवार शाम को गांव देपल के पास कोई जहरीला पदार्थ निगल लिया। युवक द्वारा जहरीला पदार्थ निगलने की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और युवक को नागरिक अस्पताल पहुंचाकर मामले की सूचना उसके पिता धर्मवीर यादव को दी। इस बीच नागरिक अस्पताल में उपचार के दौरान मोनू की मौत हो गई।

गांव के बच्चों को सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए देता था कोचिंग

मृतक मोनू यादव के पिता धर्मवीर ने बताया कि मोनू ने एमएससी किया हुआ था और वह खुद सरकारी नौकरी की तैयारी के साथ-साथ गांव के बच्चों को भी सरकारी नौकरी के लिए कोचिंग देता था। मोनू द्वारा पढ़ाए गए गांव के कई बच्चों को सरकारी नौकरी मिल गई लेकिन मोनू को कड़ी मेहनत करने के बाद भी सरकारी नौकरी नहीं मिली। मोनू ने ग्रुप-डी के पेपर भी दिए थे और तीन दिन पहले ग्रुप-डी की लिस्ट जारी हुई थी लेकिन उस लिस्ट में भी मोनू का नाम नहीं आया। मोनू के 72 नंबर आए थे। ग्रुप-डी में भी चयन नहीं होने के कारण वह मानसिक रूप से काफी परेशान चल रहा था। इसी वजह से उसने जहरीला पदार्थ निगल लिया।

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