Logo
हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ के चलते प्रदेश के कुछ हिस्सों में बुधवार सुबह हल्की बारिश से तापमान में गिरावट आई तो एक घंटे बाद ही तेज धूप ने लोगों के माथे पर पसीने ला खड़े किए। सुबह बारिश और दोपहर को तेज धूप के कड़े तेवरों के चलते लोग मौसम को समझ नहीं पा रहे।

Haryana: पश्चिमी विक्षोभ के चलते प्रदेश के कुछ हिस्सों में बुधवार सुबह हल्की बारिश से तापमान में गिरावट आई तो एक घंटे बाद ही तेज धूप ने लोगों के माथे पर पसीने ला खड़े किए। सुबह बारिश और दोपहर को तेज धूप के कड़े तेवरों के चलते लोग मौसम को समझ नहीं पा रहे। सुबह दो घंटों में ही तापमान में 7 डिग्री की गिरावट आई। बुधवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने 29 मार्च तक बादल छाए रहने की संभावना जताई है, जिससे रात्रि के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है।

तेज धूप करवा रही गर्मी का अहसास

प्रदेश के कुछ हिस्सों में बुधवार सुबह बारिश और उसके बाद दिन में निकली तेज धूप ने लोगों को जून जैसी गर्मी का अहसास करवा दिया। इस गर्मी ने गेहूं के लिए संकट खड़ा कर दिया है। किसानों के चेहरे पर अभी से ही चिंता की लकीरें खिंच गई है। पिछले कई दिनों से अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक चल रहा है। इससे पूर्व न्यूनतम तापमान 8 से 12 डिग्री के बीच घूम रहा था। 6 दिनों से तेज धूप पड़ने से तापमान एकाएक बढ़कर 34 डिग्री तक पहुंच गया। इस बार दिसम्बर और जनवरी में भी बारिश न होने से गेहूं व सरसों की फसल पर संकट के बादल मंडराते रहे। पहले धुंध व पाले ने गेहूं की फसल के लिए संजीवनी का काम किया, लेकिन अब बरसात न होने से और अब तेज धूप पड़ने से फिर गेहूं की फसल के उत्पादन को लेकर कृषि विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है।

गेहूं के दाने का रस सूखने का खतरा

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे ही तापमान बढ़ता रहा तो गेहूं के दाने का रस सूख जाएगा। इसके बाद गेहूं का दाना सिकुड़ना शुरू हो जाएगा। दाना कमजोर होने से इसका असर गेहूं उत्पादन पर पड़ेगा। किसानों का कहना है कि यही तेज धूप अगले महीने तक पड़ती रही तो गेहूं व चने के लिए घाटे का सौदा बन जाएगा। सरसों के लिए भी यह धूप नुकसानदेह हो रही है। खेतों में फसल भी समय से पहले पकने का खतरा बना हुआ है। किसान फसलों को काफी चिंतित नजर आ रहे है।

पहले धुंध ने चलाया बरसात का काम

बरसात न होने से चना व सरसों की फसल काली पड़नी शुरू हो जाती है और उसकी बढ़वार रूक जाती है, जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है। पीछे अच्छी धुंध ने बरसात का काम चलाया लेकिन अब तेज धूप नुकसानदायक साबित हो रही है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसान अच्छी सिंचाई करें। पिछले 13 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि दिसम्बर में एक बार भी बरसात नहीं हुई जबकि मार्च तक मात्र 12 एमएम बरसात हुई। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि राज्य में मौसम 29 मार्च तक परिवर्तनशील रहने के आसार हैं। इस बदलाव से दिन और रात के तापमान में परिवर्तन देखने को मिलेगा। बारिश के साथ हवाओं की गति 30 से 40 किलोमीटर तक रहने के आसार हैं।

29 मार्च के बाद होगा गर्मी का अहसास

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 29 मार्च के बाद दिन के तापमान में बढ़ोतरी होगी। इसकी वजह यह है कि दिन में तेज धूप और हवा नहीं चलने के कारण पारे में एक-दो डिग्री की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। वहीं, रात के न्यूनतम तापमान में कोई खास असर देखने को नहीं मिलेगा। हाल ही में हरियाणा के राजस्थान और पंजाब के बॉर्डर से लगते जिलों में मौसम में बदलाव देखा गया था।

CH Govt jindal steel jindal logo hbm ad
5379487