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हरियाणा में सिरसा लोकसभा के खर्च पर्यवेक्षक ने चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं देने पर तीन उम्मीदवारों के प्रचार की अनुमति रद कर दी है। अब तीनों के खिलाफ एफआईआर की तैयार की जा रही है।

सिरसा। खर्च पर्यवेक्षक विजय सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा चुनाव में प्रत्येक प्रत्याशी को तीन बार अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा खर्च पर्यवेक्षक कार्यालय में दर्ज करवाना होता है। खर्च के ब्यौरे के लिए 13 मई, 18 मई तथा 23 मई की तारीख निर्धारित की गई थी। उन्होंने बताया कि सिरसा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे तीन प्रत्याशियों द्वारा नोटिस के बावजूद अभी तक खर्च का ब्यौरा नहीं दिया गया है। इसलिए भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार इन तीनों को प्रचार के लिए दी गई अनुमति रद्द कर दी गई है। 

एफआईआर दर्ज करवाने की तैयारी

खर्च पर्यवेक्षक ने बताया कि इन प्रत्याशियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई शुरू करने की भी सिफारिश की गई हैं। चुनाव आयोग की हिदायत के अनुसार लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी 95 लाख रुपए तक का खर्चा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिन प्रत्याशियों की अनुमति रद्द की गई है उनमें बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी लीलू राम आशाखेड़ा, लोकतांत्रिक लोक रा'यम पार्टी के प्रत्याशी धर्मपाल वर्तिया व आजाद उम्मीदवार करनैल सिंह ओढां शामिल है।

शाहबाद के एआओ को हटाया

निवार्चन आयोग ने पांच साल से कम अनुभव के चलते कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट पर शाहबाद में कार्यरत 2020 के एचसीएस अधिकारी एआरओ (एसडीएम) पुलंकित मल्हौत्रा का ट्रांसफर कर 2011 के एचसीएस नरेंद्र पाल मलिक को एसडीएम कम एआरओ नियुक्त किया है। चुनाव आयोग इससे पहले अंबाला के पंचकूला में कार्यरत आरओ सुशील सारवान का भी ट्रांसफर कर चुका है। सुशील सारवान पर एक उम्मीदवार का रिश्तेदार होने के आरोप लगे थे। जबकि मल्हौत्रा पर एआरओ के लिए निर्धारित योग्यता नहीं होने के आरोप लगाए हैं। 

10 जिलों के डीसी एआरओ

हाईकोर्ट ने गत माह  अप्रैल में  भारतीय  चुनाव आयोग,  मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), हरियाणा, राज्य के मुख्य सचिव और प्रदेश के 10 जिलों के उपायुक्तों (डीसी) जो  दस लोकसभा सीटों के पदांकित रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) हैं  को लिखकर सूचित किया कि अक्टूबर, 2020 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव  द्वारा एचसीएस कैडर संख्या निर्धारण आदेश, जो मोजूदा तौर पर  भी  लागू है, में स्पष्ट तौर  एसडीओ (सिविल)  अर्थात  एसडीएम  के पदों को स्पष्ट तौर पर सीनियर स्केल और सिलेक्शन ग्रेड अर्थात 5 वर्ष से 15 वर्ष तक की एचसीएस सेवा वाले अधिकारियों के लिए दर्शाया गया है। हेमंत ने यह भी बताया कि इसी अप्रैल माह में अंबाला के बराड़ा  उपमंडल और कैथल उपमंडल में निवर्तमान तैनात एसडीएम को बदलकर चुनाव आयोग की स्वीकृति से जो 2 ताजा एचसीएस अधिकारी  बतौर एसडीएम तैनात किए गए हैं। बराड़ा उपमंडल में 2011 बैच  के एचसीएस अश्वनी मलिक जबकि कैथल उपमंडल में  2003 बैच के एचसीएस सुशील कुमार- 1 को तैनात किया गया है ।

प्रदेश में 2020 के 21 एसडीएम 

प्रदेश में 2020 बैच के 21 एचसीएस अधिकारियों को एसडीएम लगया है। जिनमें हांसी में मोहित कुमार, दर्शन यादव मानेसर गुरुग्राम , हरबीर सिंह  भिवानी, ज्योति इसराना पानीपत, अमित कुमार दि्वतीय सोनीपत, मयंक भारद्वाज  नांगल चौधरी महेंद्रगढ़, जय प्रकाश रादौर यमुनानगर, रवींद्र मलिक बेरी झज्जर, प्रतीक हुड्डा टोहाना फतेहाबाद, पुलकित मल्होत्रा शाहाबाद कुरुक्षेत्र, अमित मान बड़खल फरीदाबाद, अभय सिंह जांगड़ा डबवाली सिरसा, अमित समालखा पानीपत, अमित कुमार- तृतीय लोहारू भिवानी, अजय सिंह जुलाना जींद, राजेश कुमार सोनी घरौंडा पानीपत, अमन कुमार पिहोवा कुरूक्षेत्र, गौरव चौहान पंचकूला, नसीब कुमार लाडवा कुरूक्षेत्र, गुलज़ार मलिक उचाना जींद और देवेन्द्र शर्मा बिलासपुर यमुनानगर शामिल  हैं। जिनमें जुलाना, नांगल चौधरी व मानसेर को छोड़ बाकी को इसी साल नियुक्त किया गया है। 
 

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