Chandigarh Model Jail: चंडीगढ़ मॉडल जेल में 5 नए प्रोजेक्ट्स की शुरूआत, कैदियों को मिलेंगी ये सुविधाएं

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चंडीगढ़ मॉडल जेल में 5 नए प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन।
Chandigarh Model Jail:चंडीगढ़ की मॉडल जेल के लिए प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने 5 नए प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया है। इन 5 नए प्रोजेक्ट को शुरू करने का उद्देश्य कैदियों की सुरक्षा है।

Chandigarh Model Jail: चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने मॉडल जेल का दौरा करके वहां पर 5 नए प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया है। ये प्रोजेक्ट कैदियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर शुरू किए गए हैं। इनका उद्देश्य कैदियों की सुरक्षा, फिटनेस और सुधार की दिशा में काम करना है। इस पहल से कैदी मानसिक तनाव से दूर रहेंगे और वह जेल के अंदर किसी भी तरह का तनाव नहीं लेंगे।

उद्घाटन के दौरान गुलाबचंद कटारिया के साथ चीफ सेक्रेटरी राजीव वर्मा, गवर्नर के प्रधान सचिव विवेक प्रताप सिंह, होम सेक्रेटरी मनदीप सिंह बराड़ , डीजीपी राज कुमार सिंह, एडिशनल आईजी जेल डॉक्टर पलिका अरोड़ा समेत दूसरे अधिकारी भी मौजूद रहे।

कैदियों के लिए कौन-सी 5 सुविधाएं शुरू की गई हैं?

  • कैदियों के लिए कॉन्फ्रेंस हॉल बनाया गया है। इस हॉल में कैदियों के लिए मीटिंग, ट्रेनिंग और ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया जाएगा।
  • नया कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसके तहत जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों की सहायता से 24 घंटे निगरानी की जाएगी।
  • कैदियों के लिए जेल में नर्सरी या मनोहर वाटिका बनाई जाएगी। इस नर्सरी में कैदियों को फूल, औषधीय पौधे और फलों के पौधे उगाना सिखाया जा रहा है।
  • जीव वाटिका की भी व्यवस्था की गई है, इसमें कुछ पक्षियों को रखा जाएगा, ताकि कैदियों में जानवरों के प्रति प्यार और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित की जा सके।
  • जेल में जिम को न‌ई और आधुनिक मशीनों से लैस किया गया है। इसका उद्देश्य कैदियों और कर्मचारियों को नशे से दूर रखना है, ताकि वह स्वस्थ रहें।

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कैदियों को अच्छा माहौल देना जरूरी- कटारिया

उद्घाटन कार्यक्रम में चंडीगढ़ प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कैदियों को अच्छा माहौल देने के लिए और मेहनत की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की जाए, ज्यादा फलदार पेड़ लगाए जाएं, जेल के खेतों में सब्जियां उगाई जाएं और एक गोशाला बनाई जानी चाहिए, ताकि कैदियों को शुद्ध दूध मिल सके। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कैदी इन सुविधाओं का फायदा उठाकर अपने जीवन में सुधार कर सकेंगे।

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(Edited by: Usha Parewa)

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