हरियाणा के इस नृत्य को कहा जाता है हरियाणवी गिद्दा, जानें यहां के फोक डांस की खासियत

Haryana Folk Dance:
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Haryana के इस नृत्य को कहा जाता है हरियाणवी गिद्दा।
Haryana Folk Dance: हरियाणा का फोक डांस आज भी बहुत प्रचलित है। आज इन नृत्यों को फिल्म में भी पसंद किया जाता है। जानें इसकी खासियत...

Haryana Folk Dance: हरियाणा का हर पहलू ऐतिहासिक आकर्षण की भावना से भरा हुआ है। जब परंपराओं की बात आती है, तो हरियाणा के लोक नृत्य रूपों की जड़ें इसके अतीत में गहराई से जुड़ी हुई हैं। यह परंपराएं पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होते हुए आज भी सुरक्षित है। हरियाणा के लोक नृत्य ऊर्जावान और बेहद जीवंत हैं। जातीय रूप से समृद्ध राज्य के कई लोक नृत्य के अलग-अलग रूप हैं।

फाग नृत्य

फाग नृत्य पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा जमीन पर बुआई करने के बाद, फसल के इंतजार में किया जाता है। वे कृषि देवताओं को खुश करने के लिए आने वाले फसल के मौसम का जश्न मनाने के लिए नृत्य करते हैं। यह नृत्य ऊर्जा से भरपूर है, जिसे दर्शक भी महसूस कर सकते हैं। इस नृत्य के लिए कलाकार रंगीन और जीवंत कपड़े पहनते हैं।

खोरिया नृत्य

हरियाणा में खोरिया नृत्य सबसे रंगीन और विस्तृत नृत्य में से एक है, जो विशेष रूप से हरियाणा की महिला द्वारा किया जाता है। इस नृत्य की जड़ें राज्य के मध्य हरियाणा क्षेत्र में प्रचलित है। यह नृत्य मुख्य रूप से स्थानीय लोगों के दैनिक कामकाज और रोजमर्रा के मामलों से जुड़ा है। वे यह नृत्य विशेष अवसरों, त्योहारों और फसल के मौसम के दौरान करते हैं। इस नृत्य के लिए, महिला कलाकार अपने पारंपरिक कपड़े पहनती हैं, जिसमें महीन, सुनहरे धागे के काम वाली कढ़ाई फ्लोई स्कर्ट और चमकीले रंग का घूंघट वाला दुपट्टा और देहाती आभूषण शामिल होता है।

घूमर नृत्य

घूमर नृत्य फिल्म और अन्य मीडिया की वजह से घूमर हाल ही में एक अविश्वसनीय रूप से प्रसिद्ध लोक नृत्य बन गया है। घूमर नृत्य हरियाणा ही नहीं बल्कि राजस्थान में प्रसिद्ध है। यह मुख्य रूप से क्षेत्र की स्थानीय महिलाओं द्वारा किया जाता है, जो घाघरा पहनकर एक घेरे में अंदर और बाहर घूमती हैं। यह नृत्य पूरी लय के साथ किया जाता है। विवाहित महिलाओं इस नृत्य तब करती है, जब उनका अपने वैवाहिक घर में स्वागत किया जाता है। इसके अलावा, घूमर विशेष अवसरों जैसे शादियों, त्योहारों और अन्य धार्मिक आयोजनों पर भी किया जाता है।

लूर नृत्य

लूर नृत्य केवल राज्य की लड़कियों द्वारा विशेष रूप से फाल्गुन या वसंत ऋतु के महीन में किया जाता है। लूर नृत्य का नाम राज्य के बांगड़ क्षेत्र की लड़कियों से प्रेरित है और यह होली नृत्य प्रदर्शन के दौरान एक विशेष रूप से किया जाता है। यह नृत्य सर्दियों के महीनों के बाद सुखद वसंत ऋतु का स्वागत का प्रतीक है। साथ ही यह नृत्य कृषि भूमि में रबी फसल की बुआई का भी प्रतीक माना जाता है। नृत्य के साथ गाने संवादात्मक रूप में होते हैं। इस नृत्य में भाग लेने वाली लड़कियां सबसे चमकीले रंग के पारंपरिक कपड़े पहनती है।

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झूमर नृत्य (हरियाणवी गिद्दा)

झूमर नृत्य का नाम झूमर नामक के आभूषण पर रखा गया है हरियाणा का यह नृत्य इस क्षेत्र के सबसे लोकप्रिय नृत्य में से एक है। यह एक पारंपरिक लोक नृत्य है, जो मुख्य रूप से युवा विवाहित हरियाणा की लड़कियों द्वारा किया जाता है। लड़कियां थाली और ढोलक जैसे संगीत वाद्य यंत्रों की थाप पर थिरकती हैं। हरियाणवी आभूषणों के साथ रंगीन और आकर्षक कपड़े पहनते हैं। राज्य के कुछ हिस्सों में इस नृत्य को हरियाणवी गिद्दा के नाम से भी जाना जाता है।

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