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हरियाणा के नारनौल में मुख्य डाकघर का दो दिनों से स्विच खराब होने से लेन-देन एवं अन्य आवश्यक कार्य ठप हो गए। इस कारण 31 मार्च को साल का वित्त वर्ष का लेखा-जोखा भी नहीं हो पा रहा, वहीं बुजुर्गों की पेंशन भी वितरित नहीं हो पा रही। मंगलवार को राउटर आने के बाद कामकाज पटरी पर लाैटेगा।

Narnaul: मुख्य डाकघर का दो दिनों से स्विच (राउटर स्विच, विभिन्न कंप्यूटरों को नेटवर्किंग से जोड़ने एवं इंटरनेट सप्लाई करने वाली मशीन) खराब होने से लेन-देन एवं अन्य आवश्यक कार्य ठप हो गए। इस कारण 31 मार्च को साल का वित्त वर्ष का लेखा-जोखा भी नहीं हो पा रहा, वहीं बुजुर्गों की पेंशन भी वितरित नहीं हो पा रही। इससे बुजुर्गों में भारी निराशा देखने को मिली। मशीन की खराबी के कारण मुख्य डाकघर का करीब एक करोड़ का लेनदेन प्रतिदिन के हिसाब से प्रभावित हो रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के अंतिम दिन होने के कारण ग्राहक दो दिनों से बार-बार चक्कर काट रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा।

स्विच खराब होने से धोखा रही कम्प्यूटर प्रणाली

आधुनिक युग में कार्यालयों में कार्य अब फाइलों व रजिस्ट्ररों में कागज-पेन की बजाय कंप्यूटर पर होने लगे हैं। शहर के मुख्य डाकघर में भी कंप्यूटर प्रणाली अपनाई गई है, लेकिन यह कंप्यूटर प्रणाली एक स्विच खराब होने से धोखा दे गई। इससे अधिकारी एवं कर्मचारी आवश्यक कार्य नहीं निपटा पा रहे और मुख्य डाकघर आने वाले भी निराश होकर दो दिनों से वापिस लौट रहे हैं। इसका कारण मुख्य डाकघर का कई सारे कंप्यूटरों को नेटवर्किंग के जरिए जोड़ने वाली मशीन यानि पोर्ट/स्विच खराब होना है। शुक्रवार को मुख्य डाकघर के अधिकारी एवं कर्मचारी रोजाना की तरह काम कर रहे थे। उन पर वित्त वर्ष के अंतिम दिन होने के कारण काम का दबाव भी अन्य दिनों की तुलना में कुछ ज्यादा ही है और सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था, लेकिन शुक्रवार दोपहर को करीब डेढ़ बजे अचानक कंप्यूटर नेटवर्किंग मशीन यानि स्विच में खराबी आ गई। यह खराबी होने से कंप्यूटरों ने काम करना बंद कर दिया और पूरा डाकघर ठप हो गया। इस मशीन की खराबी से डाकघर के सभी कर्मचारी एवं अधिकारी एक तरह से पंगु हो गए और वह कोई आवश्यक कार्य कंप्यूटरों पर नहीं निपटा सके।

बुजुर्ग हुए सबसे ज्यादा निराश

शहर में बुढ़ापा पेंशन वितरण का कार्य मुख्य डाकघर के जरिए किया जाता है। शहर में 31 वार्ड बने हुए हैं तथा विभिन्न वार्डों का ग्रुप बनाकर उन्हें एक-एक दिन डाकघर बुलाया जाता है, ताकि उन्हें ज्यादा परेशानी न हो। महीने के अंतिम दिन एवं होली पर्व होने के चलते बुजुर्ग एवं अन्य लोग पैसे का लेन-देन करने के लिए मुख्य डाकघर पहुंचे, लेकिन उन्हें न तो पेंशन वितरित की जा सकी और न ही उनके अन्य कार्य निपटाए जा सके। मुख्य डाकघर में एक दिन में करीब 15 लाख रुपए पेंशन के रूप में वितरित किए जाते हैं।

लोकल नहीं मिली मशीन

मुख्य डाकघर में जो पोर्ट खराब हुआ है, वह 48 स्विच का है। इस मशीन को खोजने के लिए मुख्य डाकघर के कंप्यूटर विशेषज्ञों ने हाथ-पैर विभिन्न जगहों पर मारे, लेकिन नारनौल शहर में 48 पोर्ट की मशीन उपलब्ध नहीं मिली। कमाल की बात यह है कि यह मशीन डिविजनल डाकघर गुरुग्राम में भी उपलब्ध नहीं थी। जिस कारण इसे बैंग्लोर से मंगवाने की बातें की जा रही है। मुख्य डाकघर के डाकपाल ने उच्चाधिकारियों को मशीन की खराबी से लिखित में अवगत करवा दिया है। अब इस मशीन के मंगलवार तक आने की उम्मीद है।

यह कहते हैं अधिकारी

मुख्य डाकघर के डाकपाल अशोक गर्ग ने बताया कि मार्च महीने के अंतिम दिन होने के चलते अब फाईनेंशियल क्लोजिंग चल रही है, लेकिन मशीन खराब होने के कारण सारा कामकाज ठप हो गया है। रात को भी वह परेशान रहे और सो नहीं पाए। पूरा सिस्टम ही ठप हो गया है। आम ग्राहकों समेत बुजुर्गों तक को पेंशन नहीं बांटी जा रही। मशीन खराब होने पर उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है। अब मंगलवार तक मशीन आने पर ही काम चल पाएगा।

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