होली पर भद्रा का साया: दोपहर या आधी रात को करना होगा होलिका दहन, सुबह 9:54 बजे से रात 11:13 बजे तक रहेगा भद्रा काल

Devotees performing puja on Holi festival. File photo
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होली पर्व पर पूजा करते हुए श्रद्धालु। फाइल फोटो।
होलिका दहन पर इस बार भद्रा का साया मंडरा रहा है। सुबह 9:54 बजे से रात 11:13 बजे तक भद्रा काल रहेगा। ऐसे में होली दहन भी रात को सवा 11 बजे के बाद करना उचित रहेगा।

Sonipat: फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि को होलिका दहन कर मनाया जाता है। प्राचीन काल से ही फाग से पहले होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन का समय भद्रा काल में नहीं होना चाहिए। इस बार फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि यानि 24 मार्च में भद्रा काल काफी लंबा है। 24 मार्च को सुबह 9.54 बजे ही भद्रा काल लग जाएगा, जो देर रात 11 बजकर 13 मिनट तक जारी रहेगा। भद्रा काल के साथ ही पूर्णिमा भी शुरू हो जाएगी, लेकिन अगले दिन दोपहर तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन का उपयुक्त समय रविवार को 11 बजकर 13 मिनट के बाद माना गया है। इसके अलावा दोपहर के समय लगभग चार घंटे के लिए भद्रा पाताल रहेगी। इस समय में भी होलिका दहन किया जा सकता है।

होलिका दहन के अगले दिन मनेगा फाग

ज्योतिषाचार्य पंडित मनमोहन मिश्रा का कहना है कि हर साल रंगों की होली का त्योहार होलिका दहन के अगले दिन सुबह मनाया जाता हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि में भद्रा रहित मुहूर्त में प्रदोष काल के समय होलिका दहन करते हैं। अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है। कई बार होली का त्योहार फाल्गुन पूर्णिमा को होता है तो कई बार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि को, यह फाल्गुन पूर्णिमा की अवधि पर तय करता है। इस साल फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि के कारण होली की सही तारीख को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

उदयातिथि के आधार पर होता है तारीख का निर्धारण

पंडित मनमोहन मिश्रा ने बताया कि कई बार त्योहार व व्रत की तारीख का निर्धारण उदया तिथि के आधार पर होता है। वहीं कई बार पूजा मुहूर्त को देखकर उसका निर्धारण किया जाता है। होली का त्योहार होलिका दहन के मुहूर्त को देखकर निर्धारित होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल 24 मार्च को सुबह 9:54 बजे फाल्गुन पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी, जो 25 मार्च को दोपहर 12:29 बजे खत्म होगी। अब फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 25 मार्च को दोपहर तक ही है, ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को रात में किया जाएगा।

दोपहर में मिलेंगे 4 घंटे

होलिका दहन के दिन भद्रा 24 मार्च को सुबह 9:54 बजे लग जाएगी, यह रात 11:13 बजे तक रहेगी। हालांकि इस बीच दोपहर 2.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक होलिका दहन कर सकते हैं, इसका कारण यह है कि इस समयावधि में भद्रा पाताल में रहेगी और भद्रा की पूंछ भी नहीं रहेगी। 24 मार्च को होलिका दहन का समय रात 11:13 बजे से देर रात्रि 12:27 बजे तक रहेगा। भद्रा होने के कारण इस साल प्रदोष काल में होलिका दहन नहीं हो पाएगा। ऐसे में भद्रा के खत्म होने का इंतजार करना होगा।

यह रहेगा भद्रा का समय

भद्रा का समय काल 24 मार्च को सुबह 9:54 बजे से रात 11:13 बजे तक रहेगा। जबकि भद्रा की पूंछ शाम 6:33 बजे से देर शाम 7:53 बजे तक रहेगी। भद्रा का मुख शाम 7:53 बजे से रात 10:06 बजे तक और भद्रा का धरती पर वास सुबह 09:54 बजे से दोपहर 2:20 बजे तक होगा। भद्रा का पाताल में वास दोपहर 2:20 बजे से शाम 6:30 बजे तक होगा।

ऐसे करें होली का पूजन

होलिका दहन में अक्षत, गंध, गुड़, फूल, माला, रोली, गुलाल, कच्चा सूत, हल्दी, एक लोटे में जल, नारियल, बताशा, गेहूं की बालियां और मूंग आदि सामग्री होनी चाहिए। होलिका की अग्नि में नारियल के साथ पान और सुपारी चढ़ाने से घर की आर्थिक तंगी दूर होती है।

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