Rothak PGIMS: लकवा ग्रस्त मरीजों को फ्री लगेगा टीका, बाजार में 35 हजार रुपये कीमत

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रोहतक पीजीआई की नई ओपीडी।
जैसे ही मरीज आपातकाल विभाग में पहुंचता है तो तुरंत चिकित्सक उसका सीटी स्कैन या एमआरआई करवाता है, जिससे पता चलता है कि मरीज को अंदर रक्त स्राव हो रहा है या नस ब्लॉक है।

Rothak। पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के आपातकाल विभाग में आने वाले ब्रेन स्ट्रोक/लकवे के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब लकवे के मरीज को लगने वाले महंगे टीके टेनेक्टीप्लेस को पीजीआईएमएस मुफ्त में ही उपलब्ध करवाएगा। इससे मरीजों को बड़ी आर्थिक राहत मिलेगी। जब भी कोई ब्रेन स्ट्रोक/लकवे का मरीज आपातकालीन विभाग में पहुंचता है तो उसे चार से 6 घंटे के अंदर टीके लगाना होता है। इस टीके की कीमत बाजार में करीब 35,000 रुपये तक होती है। अभी तक यह इंजेक्शन मरीज को बाहर से ही खरीदवाया जाता था क्योंकि यह सप्लाई में नहीं आ पा रहा था। इसके चलते मरीजों को आर्थिक नुकसान हो रहा था।

इंजेक्शन का नाम टेनेक्टीप्लेस

न्यूरोलॉजी विभाग के आईसीयू में तैनात चिकित्सक स्कोरिंग करके मरीज को 6 घंटे के अंदर यह इंजेक्शन टेनेक्टीप्लेस लगा देगा, जिससे स्ट्रोक आगे नहीं बढ़ेगा और धीरे-धीरे वह ठीक हो जाएगा।

हर माह आते हैं 10-15 मरीज

पीजीआईएमएस में एक माह में करीब 10 से 15 मरीज ब्रेन स्ट्रोक के आ जाते हैं। जैसे ही मरीज आपातकाल विभाग में पहुंचता है तो तुरंत चिकित्सक उसका सीटी स्कैन या एमआरआई करवाता है, जिससे पता चलता है कि मरीज को अंदर रक्त स्राव हो रहा है या नस ब्लॉक है। यदि मरीज की नस ब्लॉक होती है तो आपातकाल विभाग में तैनात मेडिसिन विभाग का चिकित्सक तुरंत न्यूरोलॉजी विभाग के आईसीयू में संपर्क कर मरीज को वहां पर रेफर करेगा।

मरीज को पीजीआई लाएं

हरियाणा सरकार का प्रयास है कि संस्थान में आने वाले हर मरीज को उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। हमें इस सुविधा का लाभ उठाते हुए लकवा के मरीज को तुरंत पीजीआईएमएस के आपातकालीन विभाग में लाना चाहिए।/> -डॉ. एसएस लोहचब, निदेशक, पीजीआईएमएस

मदद मिलेगी

यह इंजेक्शन संस्थान में उपलब्ध हो गया है। इससे मरीजों को बड़ी आर्थिक राहत मिलेगी। लकवे के मरीज को किसी देशी वैद्य या नीम हकीम के पास न लेकर जाएं। इससे मरीज की हालत खराब हो सकती है। अब पीजीआईएमएस में मरीजों को टेनेक्टीप्लेस इंजेक्शन नि:शुल्क लगाया जाएगा। -डॉ. सुरेखा डाबला, अध्यक्ष, न्यूरोलॉजी विभाग, पीजीआईएमएस

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