Rewari के लोगों के गर्मी में सूखेंगे हलक: किस्तों में मिलेगा शहरवासियों को पानी, जमीन नहीं मिलने से लटका नए वाटर वर्क्स का निर्माण

Water tank located at Kalaka Water Works. XEN Vinay Chauhan
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कालाका वाटर वर्क्स स्थित पानी का टैंक। एक्सईएन विनय चौहान। 
रेवाड़ी में गर्मी के दिनों में लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ सकता है। पानी के टैंकों की स्टोरेज क्षमता कम होने के कारण पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा।

हेमंत शर्मा, रेवाड़ी: एक माह में गर्मी पूरी तरह अपने चरम पर पहुंचने वाली है। हर साल की तरह इस बार शहर के लोगों को भारी गर्मी में किस्तों में ही पानी मिलेगा। नहरी पानी समय पर नहीं आने की स्थिति में शहर के लोगों को एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ेगा। लगभग एक दशक से चल रही पेयजल की समस्या का समाधान अभी तक नहीं होने का खामियाजा शहर के लोगों को हर साल गर्मी के सीजन में भुगतना पड़ता है। एक दशक से जन स्वास्थ्य विभाग स्टोरेज की क्षमता कम होने के कारण गर्मी के मौसम में पानी की आपूर्ति अल्टरनेट-डे करता आ रहा है। समस्या उस समय और भी विकराल हो जाती है, जब नहरी पानी का आपूर्ति में विलंब हो जाता है। शहर के लोगों को टैंकरों से पानी खरीदना पड़ता है। शहर में पानी की किल्लत का मामला विधानसभा तक गूंज चुका है। सरकार अतिरिक्त वाटर वर्क्स का निर्माण कराने के लिए पैसा देने के लिए तैयार है, परंतु अभी तक पब्लिक हेल्थ विभाग को वाटर वर्क्स के लिए जमीन नहीं मिल पाई है।

पानी स्टोरेज करने की भारी कमी

विभाग के पानी स्टोर करने के लिए टैंकों की भारी कमी है। काला का वाटर वर्क्स पर पांच और लिसाना में तीन वाटर टैंक हैं। लिसाना में एक वाटर टैंक का निर्माण होने से कुछ हद तक आधे शहर की समस्या दूर हुई है। दोनों वाटर वर्क्स प्लांटों की क्षमता को देखते हुए शहर में पानी की डिमांड पूरी करना आसान नहीं है। इसके लिए कम से कम चार वाटर टैंकों के साथ नए वाटर वर्क्स की आवश्यकता है। वाटर वर्क्स का निर्माण करने के लिए विभाग को कम से कम पांच एकड़ जमीन की जरूरत है। विभाग की ओर से लंबे समय से जमीन की खोज की जा रही है।

50 करोड़ का तैयार किया था एस्टीमेट

जनस्वास्थ्य विभाग ने नया वाटर वर्क्स बनाने के लिए 50 करोड़ रुपए का एस्टीमेट तैयार किया था। सरकार इसके लिए पैसा जारी करने के लिए भी तैयार थी, परंतु शहर के आसपास पंचायती जमीन नहीं मिलने के कारण विभाग ने एस्टीमेट सरेंडर कर दिया। विभाग की ओर से गांव चांदावास सहित कई जगह जमीन भी देखी गई, लेकिन योजना सिरे नहीं चढ़ पाई।

आबादी के हिसाब से स्टारेज क्षमता कम

शहर में प्रतिदिन करीब 27.82 मिलियन लीटर पानी की खपत होती है। लिसाना वाटर वर्क्स से प्रतिदिन 5.32 मिलियन लीटर पानी की खपत होती है। कालाका वाटर वर्क्स से प्रतिदिन 22.5 मिलियन लीटर पानी की खपत होती है। पब्लिक हेल्थ के पास कालाका वाटर वर्क्स में पांच और लिसाना में पानी के तीन स्टोरेज टैंक हैं। नहरी पानी के नियमित रूप से नहीं आने के कारण इन टैंकों की स्टोरेज क्षमता शहर को पर्याप्त पेयजल आपूर्ति नहीं दे पा रही। पब्लिक हेल्थ विभाग के शहर में 30 हजार के करीब रजिस्टर्ड उपभोक्ता है। इसके अलावा कई नई कॉलोनियों में भी काफी कनेक्शन किए जा चुके है। जो बिना रजिस्टर्ड हुए चल रहे है। विभाग की ओर से इन कनेक्शनों को भी नियमित किया जा रहा है। शहर की आबादी बढ़ने के साथ टैंकों की स्टोरेज क्षमता कम पड़ने लगी है।>

जमीन नहीं मिलने से हो रही परेशानी

जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन विनय चौहान ने बताया कि नया वाटर वर्क्स बनाने के लिए विभाग पूरी तरह तैयार है, लेकिन जगह नहीं मिलने के कारण योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही। दो साल से जगह की तलाश की जा रही है। वाटर वर्क्स के लिए पिछले दिनों जमीन फाइनल होने वाली थी, लेकिन उसमें कुछ बाधा आ गई। अब फिर से उचित जमीन की तलाश की जा रही है।

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