सफीदों में कुदाली से काटी रजबाहा की पटरी: खेतों में भरा पानी, सूचना मिलते ही दौड़ अधिकारी, कट को करवाया ठीक 

People filling up the Rajbaha with earthen sacks. Rajbaha was cut.
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राजबाहे को मिट्टी के कट्टे डालकर पाटते हुए लोग। काटा गया राजबाहा। 
जींद में बह रहे रजबाहा नंबर 3 की पटरी को अज्ञात लोगों ने काट दिया। परिणामस्वरूप रजबाहे का पानी खेतों में भरने लगा। सूचना पाकर नहरी विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे।

सफीदों/जींद: सफीदों के नजदीकी गांव सिंघपुरा में बह रहे रजबाहा नंबर 3 की पटरी को बुधवार सुबह अज्ञात लोगों ने काट दिया। परिणामस्वरूप रजबाहे का पानी खेतों में भरने लगा। खेतों में चारा लेने गए किसी व्यक्ति ने इसकी सूचना किसानों को दी। सूचना पाकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और विभाग के अधिकारियों को सूचित करके रजबाहे का पानी पीछे से कम करवाया। सूचना पाकर मौके पर नहरी विभाग के जेई जयबीर पहुंचे और रजबाहे के कट को बुलडोजर के माध्यम से बंद करवाया। किसानों का आरोप था कि इस मामले में किसी शरारती तत्व का हाथ है और मौके से एक कुदाली भी बरामद हुई है। इससे पहले भी कई बार इस प्रकार के मामले सामने आ चुके हैं।

रजबाहे की पटरी को जानबुझकर काटा

मिली जानकारी अनुसार बुधवार सुबह किसान खेतों में चारा लेने के लिए गए हुए थे। किसी ने देखा कि रजबाहे की पटरी में कट लगा हुआ है और भारी मात्रा में पानी बहकर खेतों में घुस रहा है। उसने इसकी सूचना अन्य ग्रामीणों को दी। सूचना पाकर काफी तादाद में आसपास के खेतों के किसान व ग्रामीण मौके पर पहुंचे और अपने स्तर पर मिट्टी के कट्टे भरकर राजबाहे के कट को भरने का प्रयास किया। वहीं इसकी सूचना नहरी विभाग को देकर पीछे से पानी कम करवाया। वहीं सूचना पाकर नहरी विभाग के जेई जयबीर टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वहां का मुआयना किया। विभाग ने मौके पर बुलडोजर मंगवाकर व मिट्टी से भरे कट्टे रखवाकर रजबाहे को बंद करवाया।

शरारती तत्वों पर लगाया पटरी काटने का आरोप

रजबाहे के साथ लगे खेत के मालिक बादल ने बताया कि यह कार्य किसी शरारती तत्वों द्वारा किया गया है। इससे पहले भी तीन से चार बार ऐसा हो चुका है। मौके से एक कुदाली भी बरामद हुई है। इस कुदाली की मदद से उन लोगों ने रजबाहे की पक्की कंकरीट की पांच इंची मोटी परत को तोड़ा है। यह कार्य किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि इसमें कई लोग शामिल हैं और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। किसान बादल का कहना है कि अगर समय रहते इस बात का पता ना चलता तो पूरा सिंघपुरा गांव डूब सकता था और आसपास स्थित हैचरियों व गोदामों में भी भारी नुकसान हो सकता था। इस मामले में नहरी विभाग के जेई जयबीर का कहना है कि इससे पहले भी इस प्रकार की कई घटनाएं सामने आ चुकी है। अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

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