Gangster Ratandeep का हुआ अंतिम संस्कार: पैतृक गांव रोहढ़ में जुटे ग्रामीण व रिश्तेदार, गोलियां मारकर की थी हत्या 

Ratandeeps last rites were performed in the cremation ground of Rohar village. Women and family mem
X
गांव रोहढ़ के श्मशान घाट में होता रतनदीप का अंतिम संस्कार। शव के पास विलाप करती महिलाएं व परिजन।
जींद में बब्बर खालसा टाइगर फोर्स के एक्टिव सदस्य रहे गैंगस्टर रतनदीप सिंह का उसके पैतृक गांव रोहढ़ में शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया। उनकी गोलियां मारकर हत्या की थी।

सफीदों/जींद: बब्बर खालसा टाइगर फोर्स के एक्टिव सदस्य रहे गैंगस्टर रतनदीप सिंह का उसके पैतृक गांव रोहढ़ में शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया। रतनदीप सिंह की पंजाब के नवांशहर के बलाचौर इलाके में मोटरसाइकिल सवार युवकों ने गोलियां मार कर हत्या की थी। रतनदीप सिंह अपने एक साथी के साथ बलाचौर मेन रोड पर स्थित एक अस्पताल के निकट ढाबे के पास कार में सवार था, तभी आरोपियों ने फायरिंग शुरू कर वारदात को अंजाम दिया।

एंबुलेंस के माध्यम से गांव पहुंचा शव

रतनदीप सिंह का पोस्टमार्टम होने के बाद उसके शव को वीरवार करनाल में लाया गया। वहां से शुक्रवार दोपहर को एंबुलेंस के माध्यम से शव को उसके पैतृक गांव रोहढ़ के श्मशान घाट लाया गया। दाह संस्कार के समय काफी तादाद में ग्रामीण व रिश्तेदार मौजूद रहे। वहीं महिलाएं भी काफी तादाद में मौजूद रही। रीति रिवाज के अनुसार रतनदीप सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। संस्कार के समय मौजूद गांव के सरपंच नवदीप सिंह ने कहा कि मनुष्य के जीवन में हालात कई बार उलट हो जाते हैं और जीवन के हालात कुछ भी करवा देते हैं। रतनदीप सिंह का बुरा समय गुजर चुका था और अब वह बेहतर जीवन जी रहा था। उसकी हत्या कैसे हुई और किसने की, उसकी जांच होनी चाहिए।

कौन था रतनदीप सिंह

रतनदीप सिंह सफीदों के असंध रोड पर स्थित गांव रोहढ़ निवासी था। वह इतना शातिर था कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर कई बार देश से बाहर जा चुका था और उसे पकड़ने के लिए लाखों रुपए की ईनामी राशि घोषित की गई थी। उसे पकड़ने के लिए उसके गांव रोहढ़ के अड्डे पर पुलिस ने विशेष चौकी भी स्थापित की हुई थी और वह चौकी काफी लंबे समय तक लगी रही। उस पर करीब डेढ़ दर्जन विभिन्न स्थानों पर मामले दर्ज थे और वह इन मामलों में बरी होकर शांतिप्रिय जीवन जीने का प्रयास कर रहा था। वह अपने गांव को छोड़ कर अपने परिवार सहित सफीदों के खानसर चौक पर रहने लगा था। फिर वह सफीदों से करनाल के सीएचडी सिटी में बस गया था।

रतनदीप सिंह ने दो शादियां की

रतनदीप सिंह की शादी काफी पहले हो चुकी थी और उसकी पत्नी बलजिंद्र कौर व बेटी जोवन जर्मनी में रह रहे हैं। सफीदों में रहने के दौरान उसने दूसरी शादी कर ली। दूसरी शादी से उसको एक बेटा हुआ। वह दूसरी पत्नी व बेटे के साथ करनाल में अलग से रह रहा था। इसके अलावा वह करनाल में एक ढाबे का संचालन भी कर रहा था और टैक्सी पर गाड़ियां चलाने का कार्य कर रहा था। रतनदीप पर एक्सप्लोसिव एक्ट, एनडीपीएस एक्ट व आर्मस एक्ट के तहत थानेसर, शाहबाद, पानीपत, कैथल, चंडीगढ़, रोहिणी दिल्ली, पटियाला, अमृतसर, करनाल व सफीदों समेत अनेक स्थानों पर मामले दर्ज थे और वह अधिकतर मामले में बरी भी हो चुका था।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story