Jind History: 'हरियाणा की सियासी राजधानी... नाम है जींद', पढ़िये बनते-बिगड़ते इस शहर की पूरी कहानी

History Of Jind
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जींद की पूरी कहानी नीचे पढ़िये।
History Of Jind: हरियाणा का जिला जींद राज्य का का सबसे बड़ा और पुराना शहर माना जाता है। इस जिले को हरियाणा का दिल कहा जाता है।

History Of Jind: हरियाणा का जींद राज्य का का सबसे बड़ा और पुराना शहर माना जाता है। इस जिले को हरियाणा का दिल कहा जाता है। माना जाता है कि यहां पांडवों ने जयंती देवी (जीत की देवी) के सम्मान में यहां मंदिर एक बनवाया था। कौरवों के खिलाफ लड़ाई में जीत के लिए पांडवों ने जयंती देवी का आह्वान किया था। इसके बाद से ही इस जिले को जींद के नाम से जाना जाने लगा, लेकिन पहले इसका नाम जैतापुरी था।

यह भी माना जाता है कि सिख महाराजा रणजीत सिंह ने इस शहर का नाम अपनी सबसे छोटी रानी महारानी जिंद कौर के नाम पर रखा था। उस समय यह शहर पटियाला रियासत के अधीन था। जींद को हरियाणा की सियासी राजधानी भी कहा जाता है।

पांच बार बर्बाद हुआ था जींद

अवशेषों की खुदाई से पता चलता है कि जींद को पांच बार बर्बाद किया गया था। लेकिन, फिर भी यह शहर हर बार जोश के साथ बढ़ता ही गया। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम, सीता के स्‍वयंवर के समय शिव के धनुष को तोड़ने के लिए इस शहर से गुजरते हुए गए थे।

भूतेश्वर मंदिर है प्रसिद्ध

शिव की पूजा के लिए जींद के कई मंदिर प्रसिद्ध है। जींद के शासक रघबीर सिंह ने एक मंदिर बनवाया, जिसे भूतेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है, जिसके चारों ओर एक बड़ा सा तालाब है। इसे रानी तालाब के नाम से भी जाना जाता है। बताया जाता है कि रानी अपने किले से यहां पहुंचकर स्नान करती थी। रानी को कोई न देख सके, इसके लिए किले से लेकर तालाब तक सुंरग बनवाई थी।

जींद के नरवाना का भी है इतिहास

जींद में एक शहर नरवाना है, जिसका भी एक इतिहास रह चुका है। बता दें कि निर्वाण का अर्थ होता है मोक्ष इसी से इस शहर का नाम नरवाना पड़ा। इसका नाम बाबा गैबी साहिब मंदिर के पास निर्वाण झील के नाम पर रखा गया था। माना जाता है कि एक सूफी संत हजरत गैबी साहिब थे, जो रहस्यमय तरीके से जमीन में गायब हो गए थे। उनकी कब्र भी यहां स्थित है, जो एक टैंक से घिरी हुई है।

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फुलिया स्टेट रियासत

साल 1775 में गजपत सिंह जींद रियासत के राजा बने थे। पटियाला, नाभा और जींद तीनों रियासत के राजा एक ही परिवार से थे। जिसे फुलिया स्टेट के नाम से जाना जाता था। फूल सिंह गजपत सिंह के दादा थे। उन्हीं के नाम से इस रियासत का नाम फुलिया स्टेट पड़ा था।

जींद को कहा जाता है हरियाणा की सियासी राजधानी

पंजाब और हरियाणा, दोनों की राजधानी चंडीगढ़ है, लेकिन जींद को हरियाणा की सियासी राजधानी कहा जाता है। दरअसल, हरियाणा के ज्यादातर दिग्गज नेताओं ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जींद की धरती से की थी। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला हो या फिर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उन्होंने जींद से राजनीति की शुरुआत की थी। आम आदमी पार्टी सुप्रीमो भी हरियाणा में सत्ता हासिल करना चाहती है। खास बात है कि आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने भी अपने चुनाव प्रचार के लिए जींद का चयन किया। वे यहां दो बार रैली कर चुके हैं। जींद ने हमेशा नए चेहरों को मौका दिया है, लेकिन दुखद पहलू यह है कि शहर अभी भी विकास के लिए जूझ रहा है।

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