नगर निगम की महिला कर्मचारी के साथ मारपीट: जिंदल अस्पताल ने मेडिकल बिल से किया इनकार, धरने पर पहुंचे सफाई कर्मचारी

Protest of sanitation workers
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सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन।
Crime News: हरियाणा के हिसार में शुक्रवार की सुबह नगर निगम की एक महिला कर्मचारी के साथ मारपीट की घटना सामने आई। इसको लेकर के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं।

Crime News: हिसार में शुक्रवार की सुबह नगर निगम की एक महिला कर्मचारी के साथ हुई मारपीट और फर्जी मेडिकल बिल मामले को लेकर के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। सफाई कर्मचारियों ने नगर निगम कार्यालय पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों की मांग है कि जिन लोगों ने महिला कर्मचारी के साथ मारपीट की है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और मेडिकल बिल की सही तरीके से जांच की जाए।

महिला कर्मचारी से मारपीट का मामला

बता दें कि सूरजमुखी नाम की महिला कर्मचारी शुक्रवार सुबह 10 बजे आजाद नगर इलाके में सफाई कर रही थीं। उसी दौरान वहां रेडी लगाने वाले एक युवक ने उनके साथ गाली गलौज किया और मारपीट भी की। इसके बाद से ही सफाई कर्मचारी नगर निगम के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और रेडी लगाने वाले पर कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

मेडिकल बिल मामला

बता दें कि नगर निगम कार्यालय में एक सफाई कर्मचारी के नाम पर जिंदल अस्पताल का लगभग 2.19 लाख रुपए का मेडिकल बिल था, जो फर्जी था। बिल पास होने से पहले इसका पर्दाफाश को गया। बिल के मुताबिक 20 अप्रैल से 26 अप्रैल तक सफाई कर्मचारी की पत्नी का इलाज जिंदल अस्पताल में चला और इसका बिल 2.19 लाख का बिल बना।

इस मामले में डीएमसी विरेंद्र सहारण के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। इस मामले में सफाई कर्मचारी से पूछताछ हुई, तो उसने कहा कि उसकी पत्नी बीमार नहीं हुई और न ही उसे अस्पताल लेकर गए। उसकी पत्नी तो इस दौरान ड्यूटी पर ही थी। इतना ही नहीं उसने ये भी बताया कि ये बिल उसने नहीं जमा कराया है।

जिंदल अस्पताल ने किया इनकार

जिंदल अस्पताल ने इस मेडिकल बिल से इनकार कर दिया। कमेटी ने जांच में 16 कर्मचारियों से पूछताछ की। कमेटी ने प्राथमिक जांच में माली, बेलदार, कंप्यूटर ऑपरेटर व एएसआई समेत 4 अन्य लोगों को दोषी ठहराया। बड़ी बात ये है कि बिल का भुगतान हो चुका है और अब बिल जमा कराने वालों से रिकवरी की जाएगी। अन्य मेडिकल बिलों की भी जांच की जाएगी। कर्मचारियों का कहना है कि उन लोगों के नाम पर फर्जी मेडिकल बिल बनाए गए हैं। इनकी सही तरीके से जांच की जाए।

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