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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट स्कूल वाहन सुरक्षित पॉलिसी लागू करवाने को सख्त हो गया है। कोर्ट ने हरियाणा व पंजाब सरकार व चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर पॉलिसी को प्रभावी बनाने व स्पेशल टीमें पर स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है।

चंडीगढ़।  पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को हरियाणा, पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की राज्य सरकारों को क्षेत्र में स्कूल बसों में यात्रा करने वाले छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों द्वारा तैयार की गई नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक याचिका पर नोटिस जारी किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जी एस संधावालिया और न्यायाधीश लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने भिवानी जिले के निवासी 49 वर्षीय सुशील वर्मा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए। याचिकाकर्ता ने स्कूल परिवहन वाहन के जमीनी स्तर पर नियमित निरीक्षण करने के लिए सरकारी अधिकारियों और बाल अधिकार कार्यकर्ताओं को शामिल करते हुए विशेष टीमों का गठन करने के निर्देश भी मांग हैं।

31 जनवरी 2014 को बनी थी सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी

हाईकोर्ट को बताया गया है कि सरकार ने 31 जनवरी, 2014 को सुरक्षित स्कूल वाहन नीति बनाई थी, जिसमें बच्चों को ले जाने वाले स्कूल परिवहन वाहन द्वारा पूरी की जाने वाली विभिन्न अनिवार्य आवश्यकताओं को शामिल किया गया था। नीति तैयार करने और राज्य द्वारा हलफनामे प्रस्तुत करने के मद्देनजर हाई कोर्ट ने 20 जनवरी, 2017 को इस मुद्दे पर एक याचिका का निपटारा कर दिया। जिसमें परिवहन विभाग के साथ-साथ बाल अधिकार संरक्षण आयोग को सभी स्कूलों द्वारा उक्त नीति के क्रियान्वयन की निगरानी करने का निर्देश दिया गया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों के यात्रा करने वाले वाहन के मामले में एक महिला परिचारिका और एक पुरुष परिचारक  छात्रों के यात्रा करने वाले वाहन में  हो।  याचिकाकर्ता के अनुसार, उच्च न्यायालय के समक्ष उपरोक्त  रिपोर्ट दाखिल करने के बावजूद कि सुरक्षित वाहन नीति 2014 को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित नहीं किया जा रहा है। 

11 अप्रैल को हुई घटना को बनाया आधार 

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में इसी साल 11 अप्रैल को महेंद्रगढ़ में हुए स्कूल बस हादसे को अपना आधार बनाया। जिसमें बताया कि वाहन पॉलिसी पूरी तरह से लागू नहीं होने के कारण ही हादसा हुआ तथा 6 बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी। याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि नीति में परविधान है कि राज्य और जिला स्तरीय समितियां प्रत्येक माह एक बार बैठक करेंगी और राज्य स्तरीय समिति द्वारा तैयार किए गए मानदंडों/नीतियों को लागू करने के लिए कार्रवाई स्थल विकसित करेंगी। समिति को स्कूल जाने वाले बच्चों के सुरक्षित परिवहन के लिए नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिले में स्कूल बसों का या तो संबंधित स्कूल परिसर में या ऐसे अन्य स्थानों पर निरीक्षण करना है। हालांकि, याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि इस संबंध में राज्य द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं।  याचिकाकर्ता ने सुरक्षित स्कूल वाहन, पंजाब राज्य तथा यूटी चंडीगढ़ द्वारा तैयार की गई इसी तरह की अन्य नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश मांगे हैं।
 

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