हरियाणा में एचएसपीसीबी अलर्ट: प्रदूषण नियंत्रण के लिए अक्टूबर से लागू होगा विंटर एक्शन प्लान, इन जिलों में विशेष निगरानी

HSPCB Alert in Haryana
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हरियाणा में एचएसपीसीबी अलर्ट।
HSPCB Alert in Haryana: हरियाणा में प्रदूषण को देखते हुए एचएसपीसीबी की ओर से प्रदूषण नियंत्रण के लिए अक्टूबर से अपना प्लान जारी करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

HSPCB Alert in Haryana: दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा के भी कई जिलों में अभी से ही प्रदूषण देखने को मिल रहा है। हाल ही में भिवानी जिला टॉप 10 प्रदूषित शहरों के लिस्ट में शामिल हो गया था। इसे देखते हुए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) ने सर्दी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तैयार विंटर एक्शन प्लान 1 अक्टूबर से जारी करने करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि इसमें ग्रैप-1 भी जारी कर दिया जाएगा।

बता दें कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक प्रणाली है। यह दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई है। इसमें सड़कों की साफ-सफाई करने के लिए पानी का छिड़काव कर धूल के कणों को दबाने, टूटी सड़कों की मरम्मत और पैचवर्क लगाने के लिए नियमों को लेकर निर्देश दिए गए हैं।

निर्माण स्थल पर एंटी-स्मॉग गन का प्रयोग अनिवार्य है। वहीं, खुले में कूड़ा जलाने, होटलों, खुले भोजनालयों में कोयले और लकड़ी के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही प्रदेश में 23 अक्टूबर से 31 जनवरी तक पटाखों के निर्माण और बेचने और खरीदने पर प्रतिबंध रहेगा, लेकिन ग्रीन पटाखे जलाने की छूट दी गई है।

इन जिलों में विशेष निगरानी

इसके लिए सभी निगम आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और प्रदूषण बोर्ड के स्थानीय अधिकारियों को एक्शन प्लान को सख्ती से लागू कराने का निर्देश दिए गए हैं। एनसीआर से सटे जिले गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पलवल और पंजाब से साथ वाले जिले अंबाला, सिरसा, पंचकूला और कैथल में विशेष तौर पर निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। यहां पर इन नियमों का पालना करवाने के लिए एक-एक अतिरिक्त नोडल ऑफिसर की नियुक्ति की जाएगी।

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भवन निर्माण के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी

इसके अलावा यह भी कहा गया है कि भवन निर्माण संबंधी सूचना प्रदूषण बोर्ड के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। बोर्ड ने पांच हजार स्क्वायर मीटर से 10 हजार स्क्वायर मीटर तक के भवन निर्माण के लिए एक एंटी-स्मॉग गन। वहीं दस से 15 हजार स्क्वायर मीटर के लिए दो एंटी-स्मॉग गन, 15 से 20 हजार स्क्वायर मीटर के लिए तीन एंटी-स्मॉग गन और 20 हजार स्क्वायर मीटर से ऊपर के लिए एंटी-स्मॉग गन लगाने का निर्देश दिए हैं।

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