Haryana: कल शाम को होगी सरकार व आंदोलनकारी किसानों के बीच चौथे दौर की वार्ता

Symbolic picture.
X
प्रतीकात्मक तस्वीर।
किसान आंदोलन के चलते केंद्र सरकार व किसानों के बीच रविवार शाम को बातचीत होगी। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अन्य मांग कर रहे हैं, वहीं सरकार अपनी तैयारी कर रही है।

योगेंद्र शर्मा, हरियाणा: केंद्र सरकार और आंदोलनकारी किसान नेताओं के बीच मांगों को लेकर एक बार फिर रविवार की शाम चंडीगढ़ में बातचीत होगी। इस बीच पंजाब के किसान नेताओं ने मांग की कि केंद्र की सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लाए। दूसरी तरफ, पंजाब हरियाणा की सीमा शंभू बैरियर और खनौरी में किसान डेट हुए हैं। किसान आंदोलन के चलते एक बार फिर जहां दिल्ली सीमा और धरना स्थलों के आसपास व्यापारी अपने कामकाज को लेकर डरे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ सामान्य यातायात भी प्रभावित हो रहा है। फ्लाइट और ट्रेनों में भी अब मारामारी है।

एमएसएपी को कानूनी गारंटी देने का अध्यादेश लाए सरकार

एमएसपी को कानूनी गारंटी देने का अध्यादेश लाने की मांग पंजाब से किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने केंद्र से की। रविवार को देर शाम किसान प्रतिनिधियों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की वार्ता होनी है। इसको लेकर सभी तरफ सकारात्मक माहौल बना हुआ है। पंधेर का तर्क है कि केंद्र सरकार चाहे तो रातों-रात एमएसपी को लेकर अध्यादेश ला सकती है, जो अध्यादेश छह माह के लिए वैध होता है।

12 फरवरी को किसान व केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई थी बैठक

बीती 12 फरवरी को किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच बैठक हुई थी। 5 घंटे मैराथन बैठक होने के बावजूद सहमति नहीं बन पाई। दोनों पक्षों के बीच और चौथे दौर की वार्ता 18 फरवरी को शाम चंडीगढ़ सेक्टर 26 में एक बार फिर से होगी। किसान नेताओं द्वारा एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के साथ-साथ कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करने व किसान और खेत मजदूर के लिए पेंशन, कर्ज माफी के अलावा लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए मदद व न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग शामिल है। इसके अलावा मुकदमें समाप्त करने की मांग भी शामिल हैं।

झरमडी और शंभु बैरियर बंद, हाईवे सुनसान

एक बार फिर से किसान आंदोलन के कारण हरियाणा, पंजाब, यूपी की बसों के रूट्स को भी डायवर्ट कर दिया गया हैं। चंडीगढ़ से अंबाला जाने वाले वाहनों को बरवाला, साहा, मौली पंचकूला इलाके से निकाला जा रहा है। चंडीगढ़ अंबाला के लोगों को भी पंजाब हरियाणा सीमा पर लगाए गए धरने औऱ प्रदर्शन के कारण गांवों से होकर जाना पड़ रहा है। लालडू के पास झरमडी बैरियर पर सुरक्षा का कड़ा पहरा है और हाईवे खाली पड़ा हुआ है। शंभू बैरियर पर भी किसान और सामने फोर्स अड़े हुए है। आंदोलनकारी और पुलिस प्रशासन की जबरदस्त मोर्चाबंदी के कारण सारा रास्ता बंद पड़ा हुआ है। इसके कारण चंडीगढ़ दिल्ली हाईवे सुनसान अघोषित कर्फ्यू की चपेट में है। खास बात यह है कि किसानों के आंदोलन के कारण चंडीगढ़ से बाहर जाने वाली फ्लाइटों के रेट भी तीन गुणा तक हो गए है। इसी तरह से दिल्ली, गोवा और बाकी स्थानों की फ्लाइट भी महंगी है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story