किसानों ने कराए 3 घंटे टोल फ्री: दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बगैर टोल के गुजरे वाहन, भारत बंद का दिखा असर 

BKU leader Gurnam Singh Chaduni addressing farmers at Bastada toll
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बसताड़ा टोल पर किसानों को संबोधित करते भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी। 
करनाल में किसानों ने 3 घंटे दोनों टोल प्लाजा को फ्री करवाया। वहीं भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए राजनीति में आने का आह्वान किया।

Karnal: भारत बंद के आह्वान के बीच करनाल में 3 घंटे टोल प्लाजा फ्री किया गया। करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा और प्यौंत टोल प्लाजा दोनों पर किसानों ने 12 से 3 बजे तक धरना दिया। इस दौरान जो वाहन यहां से गुजरे, उनको बिना टैक्स के निकलवाया। वहीं करनाल में भारत बंद का असर भी मिला जुला दिखाई दिया। सर्व कर्मचारी महासंघ द्वारा किसानों के भारत बंद का सर्मथन किया गया। वहीं, भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बसताड़ा टोल पहुंचकर कहा कि सरकार किसानों की मांगें मान ले। किसानों की मांगें सही हैं। बॉर्डर ऐसा बना दिया जैसे कोई जंग हो।

किसानों की मांगों का किया समर्थन

गुरनाम सिंह चढूनी ने एसएलएल के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि हम किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं। वहां इसलिए नहीं गए कि कोई बुलाएगा तो जाएंगे। लोग आरोप लगाते हैं कि राजनीति करते हैं, लेकिन एसएल के नेता जब बनाए थे वो भी राजनीति करते थे। हमारा समर्थन है, लेकिन अगर बुलाएंगे तो जाएंगे। बाकी आगे की आगे देखेंगे। उन्होंने एक बार फिर किसानों को राजनीति का हिस्सा बनने का आह्वान करते हुए कहा कि जब तक किसान राजनीति में किसी पद पर नहीं होगा, तब तक उसे अपना हिस्सा नहीं मिलेगा। किसान अपना नेता चुनकर लोकसभा या विधानसभा में भेजे, ताकि वह किसानों की आवाज बने। अगर किसी किसान नेता को वोट नहीं देना चाहते तो किसी ऐसे नेता को वोट दे दो, जो किसानों की मांगों को पूरा करने का पक्का वायदा करता हो।

किसान नेता डल्लेवाल पर बोले चढूनी

जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मोदी की लोकप्रियता को लेकर ब्यान दिया, जिस पर गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान आंदोलन किसानों की मांगों को लेकर है और पूरे देश का किसान डल्लेवाल के पीछे नहीं है। आंदोलन में तो 20 किसान नेता ओर बैठे हुए है, एक व्यक्ति के ब्यान को इतना ज्यादा हाईलाइट नहीं करना चाहिए। किसान अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे है, किसी के बहकावे में न आए।

ट्रैक्टर मार्च पर किसानों से की अपील

गुरनाम सिंह कहा कि 17 फरवरी को हरियाणा के सभी तहसील स्तर पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। इसलिए किसानों से आह्वान है कि कोई भी किसान ट्रैक्टर के साथ गांव में न बैठा रहे, इस आंदोलन में हिस्सा ले और किसानों की आवाज को उठाए। यह ट्रैक्टर मार्च शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाएगा। किसान आंदोलन के अंदर शरारती तत्वों की एंट्री के सवाल पर चढूनी ने कहा कि यह सरकार को देखना है और सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि जांच करें।

18 फरवरी को दोबारा करेंगे मीटिंग

गुरनाम सिंह ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन करने वाले किसान नेताओं की और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच बैठके हुई है, लेकिन क्या कुछ नतीजा रहा है। इसके बारे में वे ही नेता ज्यादा जानते है लेकिन बात सिरे नहीं लग पाई है। अब 18 फरवरी को दोबारा बैठक होने की जानकारी मिली है। अगर कोई बुलाएगा तो हम जाएंगे।

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