हरियाणा में कांग्रेस बनाएगी संगठन: हुड्डा और सैलजा की बजाय सह प्रभारी जितेंद्र बघेल को मिली जिम्मेदारी,छोटे कार्यकर्ताओं को मिल सकता है मौका

Congress will form organization soon in Haryana
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हरियाणा में संगठन खड़ा करेगी कांग्रेस।
हरियाणा में कांग्रेस नया संगठन खड़ा करने की तैयारी में है। प्रदेश स्तर के संगठन में कांग्रेस छोटे कार्यकर्ताओं को मौका देगी। ऐसे में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा को बड़ा झटका लग सकता है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस अब प्रदेश में संगठन खड़ा करेगी। खबर है कि नए सह प्रभारी जितेंद्र बघेल को कांग्रेस ने यह जिम्मेदारी सौंपी है। पहले जिला लेवल पर नियुक्तियां की जाएगी। इसमें छोटे कार्यकर्ताओं और नए चेहरों को मौका दिया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया पर निशाना साधा। जिसमें उन्होंने कहा कि बाबरिया ने हरियाणा में संगठन नहीं बनने दिया। उन्होंने कहा कि कई बार बाबरिया को संगठन बनाने के लिए नेताओं के नाम की लिस्ट भेजी गई। लेकिन, प्रदेश प्रभारी ने इन नामों को कांग्रेस हाईकमान के पास नहीं भेजा। बल्कि, खुद दबाए बैठे रहे। उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण ईवीएम की हैकिंग तो है ही। इसके साथ ही कांग्रेस का संगठन न बन पाना भी वजह रही है।

पहले जिला स्तर पर होगी नियुक्तियां

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में संगठन बनाने के लिए सबसे पहले जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की जा सकती है। इसके बाद दूसरे स्तर पर नियुक्तियां की जाएगी। संगठन में छोटे कार्यकर्ताओं को मौका मिल सकता है। इसके लिए हाईकमान की ओर से लिस्ट तैयार कराई जा रही है। संगठन बनाने के लिए सह प्रभारी जितेंद्र बघेल ने भी हरियाणा के कई बड़े नेताओं से इस बारे में चर्चा की है।

कुमारी सैलजा और भूपेंद्र हुड्डा को सख्त मैसज

खबरों की मानें, तो कांग्रेस हाईकमान ने गुटबाजी पर लगाम कसने के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और कुमारी सैलजा को सख्त मैसेज दिया है। इन्हें कहा गया है कि मीडिया में एक-दूसरे के खिलाफ कोई बयानबाजी न करें। वहीं सह प्रभारी जितेंद्र बघेल का भी ये ही मानना है कि हरियाणा में सभी नेताओं को साथ लेकर चलना और संगठन बनाना एक बड़ी चुनौती हो सकती है। ऐसा इसलिए है कि पिछले 10 साल से कांग्रेस में न तो संगठन बन पाया है और न ही पार्टी की गुटबाजी खत्म हो सकी है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी में गुटबाजी और बढ़ गई है। नेता एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए नजर आ रहे है।

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