हांसी ब्रांच नहर में मिला बच्चे का शव: 12 जून से लापता था मनीष, बच्चों के साथ नहर के पास गया था खेलने

Taking the body out of the canal. Father Sheetal Prasad giving information while crying
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नहर से शव को निकालते हुए। रोते-बिलखते जानकारी देता पिता शीतल प्रसाद। 
जींद में सफीदों के बीचो बीच बह रही हांसी ब्रांच नहर में शुक्रवार सुबह एक 14 वर्षीय बच्चे का शव बहता मिला। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच की।

Jind: सफीदों के बीचो बीच बह रही हांसी ब्रांच नहर में शुक्रवार सुबह एक 14 वर्षीय बच्चे का शव बहता हुआ मिला। किसी ने बच्चे की लाश नहर में बहती हुई देखी तो सिटी पुलिस को सूचित किया। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नहर से बाहर निकलवाया। बच्चे का शव पूरी तरह से फूलकर गल चुका था। मृतक बच्चे की पहचान मनीष निवासी रेर कलां पानीपत के रूप में हुई है। मामले की सूचना परिजनों को मिली तो उन्होंने नागरिक अस्पताल पहुंचकर शव की शिनाख्त की। पुलिस मामले में जांच कर रही है।

नहर में तैरता हुआ मिला बच्चे का शव

मिली जानकारी अनुसार शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे नहर के अंदर एक बच्चे का शव तैरता हुआ दिखाई दिया। राहगीर ने इसकी सूचना सफीदों पुलिस को दी। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और नहर से शव को बाहर निकलवाया। शव को शिनाख्त के लिए सफीदों के नागरिक अस्पताल में रखवाया। नहर से निकाले गए बच्चे के शव की फोटो वायरल हुई तो परिजनों को इस बाबत सूचना मिली। रेर कलां गांव से तत्काल परिजन व काफी तादाद में ग्रामीण नागरिक अस्पताल में पहुंचे। अस्पताल पहुंचकर मृतक मनीष के पिता शीतल प्रसाद ने शव की शिनाख्त कर ली। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर उसे परिजनों को सौंप दिया।

नहर के पास बच्चों के साथ खेलने गया था मृतक

अस्पताल परिसर में रोते-बिलखते पिता शीतल प्रसाद ने बताया कि मनीष 12 जून को गांव के बच्चों के साथ नहर के पास खेलने के लिए गया था और वहां खेलते-खेलते पैर फिसल कर नहर में गिर गया। उन्होंने व ग्रामीणों ने उसे नहर में काफी तलाश किया, लेकिन नहर में पानी अधिक होने के कारण वह नहीं मिला। उसके बाद गोताखोरों को भी बुलाया गया। उन्होंने भी काफी मेहनत की लेकिन उनके सभी प्रयास असफल रहे। अब उन्हें सूचना मिली तो वह सफीदों आए और बेटे मनीष की शिनाख्त की। पिता शीतल प्रसाद ने बताया कि मनीष उनके बुढ़ापे का सहारा था। उसका दूसरा बेटा अभी काफी छोटा है तथा उसकी दो बेटियां हैं। ग्रामीण सुरेश कुमार सहित अनेक ग्रामीणों ने बताया कि शीतल प्रसाद पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मनीष से उसको बड़ा होकर कुछ करने की आस थी, लेकिन अब वह भी टूट गई।

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