कंपनी में डस्ट कलेक्टर फटने से बड़ा हादसा: 100 से ज्यादा कर्मचारी झुलसे, हादसे के समय 250 से 300 कर्मचारी थे मौजूद

Employees undergoing treatment in Trauma Center. SP and police force present on the spot.
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ट्रामा सेंटर में उपचाराधीन कर्मचारी। मौके पर मौजूद एसपी व पुलिसबल। 
धारूहेड़ा की कंपनी में डस्ट कलेक्टर फटने से 100 से अधिक कर्मचारी झुलस गए। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया। हादसे में कुछ लोगों के मरने की आशंका भी है।

रेवाड़ी/धारूहेड़ा: धारूहेड़ा स्थित कंपनी में शनिवार शाम डस्ट कलेक्टर फटने से 100 से ज्यादा कर्मचारी झुलस गए, जिसमें से करीब 30 से ज्यादा कर्मचारियों को गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया। हादसे के बाद कंपनी में हड़कंप मच गया और चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल हो गया। सूचना के बाद मौके पर दर्जनों एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंची। काफी कर्मचारियों को भिवाड़ी व गुरुग्राम के प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। हादसे में दर्जनों कर्मचारियों के मरने की भी आशंका जताई जा रही है। सूचना के बाद मौके पर एसपी शशांक कुमार सावन टीम के साथ पहुंचे। कंपनी के अंदर किसी को भी नहीं जाने दिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कंपनी में जोरदार धमाके साथ लगी आग

शनिवार शाम धारूहेड़ा स्थित लाइफ लॉन्ग कंपनी में बॉयलर के फटने से जोरदार धमाके के साथ आग लग गई। धमाका इतना तेज था कि आसपास के लोग भी सकपका गए। धमाके के समय कंपनी में सैकड़ों कर्मचारी काम कर रहे थे। धमाके की चपेट में 100 से ज्यादा कर्मचारी आ गए, जिसके कारण कर्मचारियों के शरीर की त्वचा पूरी तरह जल गई। धमाके के बाद कंपनी में अफरा-तफरी मच गई। कंपनी की ओर से तुरंत फायर बिग्रेड व अस्पताल को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची एंबुलेंस से घायलों को ट्रामा सेंटर ले जाया गया। घायलों को गुरुग्राम, भिवाड़ी व अन्य प्राइवेट अस्पतालों में भी ले जाया गया है। पुलिस मामले में जांच कर रही है।

कंपनी में करीब 900 कर्मचारी कार्यरत

धारूहेड़ा स्थित ऑटो पार्टस बनाने की लाइफ लॉन्ग कंपनी में 900 के करीब कर्मचारी कार्यरत है। शाम को शिफ्ट चेंज होने के समय कंपनी में 250 से 300 कर्मचारी अंदर थे। शाम को जब कर्मचारी काम कर रहे थे तो अचानक डस्ट कलेक्टर फट गया, जिससे कंपनी में आग लग गई। कर्मचारियों के धमाके की चपेट में आने से शरीर से त्वचा ही गायब हो गई। कर्मचारियों को फोरन निजी अस्पताओं व ट्रामा सेंटर में ले जाया गया। जहां घायलों का उपचार किया जा रहा है। हादसे में कर्मचारियों के मरने की भी आशंका जताई जा रही है।

धारूहेड़ा में नहीं अस्पताल की सुविधा

धारूहेड़ा में इलाज के नाम पर लंबे समय से एक पीएचसी ही है। धारूहेड़ा वासियों व नगर पालिका चेयरमैन कंवर सिंह यादव की ओर से लंबे समय से धारूहेड़ा में 200 बैड का अस्पताल बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन मांग सिरे नहीं चढ़ पा रही। शनिवार को हुए हादसे में घायलों को दूर-दराज के अस्पतालों में लेकर भागना पड़ा। इससे पहले भी धारूहेड़ा में ऐसे कई हादसे हो चुके है।

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