भाड़ावास गेट का 7 माह में भी नहीं हुआ जीर्णोद्धार: नगर परिषद ने पैचवर्क से की खानापूर्ति, जर्जर हवेलियां दे रही हादसों को न्योता 

Patchwork done at freight gate. Dilapidated Mukti Haveli located in Muktiwada.
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भाड़ावास गेट पर किया गया पैचवर्क। मुक्तिवाड़ा स्थित जर्जर मुक्ति हवेली। 
रेवाड़ी में खस्ताहाल भवनों की मरम्मत नहीं करवाई जा रही, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। 4 ऐतिहासिक गेट भी अनदेखी का शिकार है, जिससे लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है।

Rewari: शहर में काफी संख्या में जर्जर हवेलियों के बीच मौत के साये में लोग रह रहे है। इन खस्ताहाल भवनों के कभी भी भरभराकर गिरने से बड़ा हादसा हो सकता है। इसके अलावा शहर के चार ऐतिहासिक गेट भी देखरेख के अभाव में कंडम होते जा रहे है। शहर के प्रत्येक मोहल्लों में 4 से 5 पुरानी जर्जर हवेली स्थित है। 22 अगस्त 2023 को नगर परिषद से 100 मीटर की दूरी पर स्थित भाड़ावास गेट का मलबा गिरने से एक शिक्षक की मौत हो गई थी, लेकिन हादसे के 7 महीने बाद भी भाड़ावास गेट की मरम्मत नहीं की गई। जबकि हाउस की बैठक में शहर के ऐतिहासिक गेटों के जीर्णोद्धार को लेकर प्रस्ताव पास किया गया था। भाड़ावास गेट कभी भी फिर से हादसे का कारण बन सकता है, लेकिन नगर परिषद की ओर से सिफ गेट के टूटे हिस्से पर पैच लगाकर खानापूर्ति कर दी है।

प्रत्येक मोहल्ले में मौत की हवेलियां

शहर के प्रत्येक पुराने मोहल्ले में जर्जर हवेलियां हादसे को दावत दे रही है। मुक्तिवाड़ा स्थित मुक्ति हवेली काफी समय पहले ही कंडम घोषित की जा चुकी है, जो कभी भी गिरकर अनहोनी कर सकती है। 15 नवंबर 2023 को मुक्ति हवेली का एक हिस्सा भी गिर चुका है, जिसके मलबे के नीचे दबकर दो कार क्षतिग्रस्त हो गई थी। गनीमत यह रही कि उस समय वहां कोई व्यक्ति नहीं था, जिससे जनहानि होने से बच गई। इसके अलावा गुर्जरवाड़ा, पुरानी तहसील के पास, चौधरीवाड़ा, कायस्थवाड़ा, खासापुरा, जैनपुरी, स्वामीवाड़ा, बल्लूवाड़ा व बास सिताबराय सहित कई मोहल्लों में जर्जर भवन हादसे को न्योता दे रहे है। शहर में कानोड गेट, गोकल गेट, दिल्ली गेट व भाड़ावास चार प्राचीन गेटों को जीर्णोद्धार की अवश्यकता है।

जर्जर भवनों में चल रहे कार्यालय

बावल स्थित पुराने किले में बावल थाना चल रहा है। पिछले वर्ष बरसात के समय भवन के बरामदे की छत गिर गई थी, जिससे हादसा होते-होते बच गया। इनके अलावा कस्बे के कटला बाजार और मोहल्ला हसनपुरा में मस्जिद जर्जर हालत में हैं। बावल का जर्जर नूनकरण गेट भी हादसे को न्योता दे रहा है। नाहड़ में भी पुराने जर्जर भवन मंय पुलिस चौकी चल रही है। पुराने भवनों में बरसात के सीजन में कोई न कोई अनहोनी सामने आ रही है।

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