Bahadurgarh: किसानों से वार्ता पर टिकी नजर, लेकिन नहीं छोड़ रहे कोई कसर

Barricading increased on Sector-9 Mod Bypass on Friday
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सेक्टर-9 मोड़ बाइपास पर शुक्रवार को बढ़ाई गई बेरिकेडिंग।
बहादुरगढ़ में सेक्टर-9 मोड़ से लेकर टीकरी बॉर्डर तक सीमेंट कंक्रीट की दीवार से लेकर आवश्यकता अनुसार अलग-अलग तरीके के बैरियर लगाए गए है। पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है।

Bahadurgarh: किसानों को दिल्ली कूच करने से रोकने के लिए देश की राजधानी की सीमाओं पर सुरक्षा घेरा लगातार मजबूत किया जा रहा है। हालांकि फिलहाल रविवार शाम को होने वाली वार्ता तक किसान पंजाब-हरियाणा की सीमा पर ही शांतिपूर्वक डेरा डाल रहे हैं। बेशक दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने दोनों राज्यों की सीमाओं पर अभेद सुरक्षा घेरा बना रखा है। लेकिन शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के एक्शन को देखते हुए टिकरी बॉर्डर व बहादुरगढ़ बाइपास पर चौकसी और प्रबंध बढ़ा दिए गए हैं।

टिकरी बार्डर पर कई प्रकार के लगाए जा रहे बैरियर

बता दें कि सेक्टर-9 मोड़ से लेकर टीकरी बॉर्डर तक सीमेंट कंक्रीट की दीवार से लेकर आवश्यकता अनुसार अलग-अलग तरीके के बैरियर लगाए गए थे। लेकिन हरियाणा-पंजाब की सीमा पर पिछले दिनों बने हालात को देखते हुए दिल्ली-हरियाणा सीमा पर सुरक्षा घेरा अधिक मजबूत बनाया जा रहा है। टिकरी बॉर्डर और बहादुरगढ़ बाइपास पर पहले से ही दो सीसी बैरियर के बीच पुलिस ने सीमेंट कंक्रीट के घोल डलवा कर दीवार बनवा दी थी। लेकिन शुक्रवार को पुलिस ने सीमेंट के बैरियर्स के बीच में लोहे और कटीली तारों के बेरिकेड्स खड़े कर अधिक सीमेंट व कंक्रीट का घोल डलवाया है। ताकि लंबी मल्टी लेयर बेरिकेडिंग को पार कर पाना नामुमकिन सरीखा हो जाए। बेशक किसान आंदोलन के दूसरे चरण से संयुक्त किसान मोर्चा एक दूरी बनाए हुए है। लेकिन इसमें स्वयं को अराजनीतिक बताने वाले कई किसान संगठन शामिल हैं।

पंजाब बॉर्डर पर किसानों की तैयारी को देखकर पुलिस प्रशासन अलर्ट

बीते दिनों पंजाब बॉर्डर पर किसानों की तैयारियों को देखते हुए स्थानीय पुलिस-प्रशासन कोई भी कमी छोड़ने के मूड में नहीं है। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस के साथ ही केंद्रीय सुरक्षाबलों की मुस्तैदी बढ़ा दी गई है। बॉर्डर को कटीले तारों, सीमेंट के बैरिकेड्स, मिट्टी से भरे कंटेनरों और कंक्रीट की दीवारों से कवर किया जा रहा है। अब स्थानीय निवासियों के साथ ही स्थानीय प्रशासन की नजर रविवार शाम को होने वाली किसान संगठनों और सरकार के बीच होने वाली वार्ता पर टिकी है। इसमें सबसे बड़ी मांग फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून है। इसके अलावा बिजली की दरों में रियायत और कर्ज माफी का भी मुद्दा है। हालांकि प्रशासन किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहता। कई दिन पहले ही टीकरी और झाड़ोदा बॉर्डरों को पूरी तरह से सील किया जा चुका है। बॉर्डर पर सीसीटीवी व ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है।

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