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हरियाणा के रेवाड़ी में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने सट्टा खिलाने वाले युवक से एसएचओ व एएसआई द्वारा 50 हजार रुपए रिश्वत लेने के मामले में रंगे हाथों गिरफ्तार किया। एसीबी की टीम पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

Rewari: सट्टा खिलाने वाले व्यक्ति से सदर थाना पुलिस दबाव बनाकर मंथली मांग रही थी। एंटी करप्शन ब्यूरो गुरुग्राम की टीम ने सट्टा खिलाने वाले व्यक्ति की शिकायत पर दो माह की मंथली के रूप में 50 हजार रुपए लेने के आरोप में सदर थाना एसएचओ व एक एएसआई को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एसीबी की टीम पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

सट्टा खिलाने वाला पुलिस को हर माह मंथली के रूप में देता रहा 25 हजार

एसीबी के अनुसार गोकलगढ़ निवासी सुनील सट्टा खिलाने का काम करता है। वह थाना सदर पुलिस को सट्टा खिलाने की एवज में हर माह 25 रुपए मंथली के रूप में देता रहा है। दो माह से धंधा नहीं चलने के कारण वह पुलिस को मंथली नहीं दे सका। एएसआई कमल दो माह की मंथली के रूप में एकमुश्त 50 हजार रुपए देने का सुनील पर दबाव बना रहा था। एसएचओ के नाम पर मंथली मांगने की रिकॉर्डिंग करने के बाद सुनील ने उसे एसीबी गुरुग्राम को सौंप दिया। एसीबी की टीम ने रिश्वत के मामले में पुलिसकर्मियों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए योजना बनाई। सुनील को पाउडर लगे नोट देकर कमल से संपर्क करने को कहा। कमल ने जैसे ही रिश्वत की राशि पकड़ी, एसीबी की टीम ने उसे दबोच लिया। वहीं मौजूद एसएचओ सुनील दत्त को भी काबू किया गया।

उजागर हुआ पुलिस का असली चेहरा

सट्टा खिलाना गैर कानूनी है, लेकिन पुलिस खुद सट्टा खिलाने वाले लोगों से पैसे लेकर यह काम करवा रही है। आए दिन पुलिस सट्टा खिलाने वाले लोगों को गिरफ्तार करती है। अनैतिक कार्य करने वाले से ही पैसे लेकर छूट देना पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है। सट्टेबाजों से पैसों की वसूली ने पुलिस का असली चेहरा उजागर करते हुए ईमानदार पुलिसकर्मियों को भी शर्मशार करने का काम किया है। एसीबी की टीम मामले में जांच पड़ताल करते हुए पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

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