Abhay Singh Chautala बोले: सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने की जरूरत नहीं, भाजपा पहले से ही लोगों का खो चुकी विश्वास

MLA Abhay Singh Chautala
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विधायक अभय सिंह चौटाला।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि प्रदेश की जनता का भाजपा गठबंधन के प्रति अविश्वास तो फील्ड में साफ दिखाई देता है। भाजपा गठबंधन सरकार लोगों का विश्वास बहुत पहले खो चुकी है।

Haryana: बजट सत्र में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बोलते हुए ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि मैं भूपेंद्र हुड्डा से पूछना चाहता हूं कि इस अविश्वास प्रस्ताव की जरूरत क्या थी? प्रदेश की जनता का भाजपा गठबंधन के प्रति अविश्वास तो फील्ड में साफ दिखाई देता है। भाजपा गठबंधन सरकार लोगों का विश्वास बहुत समय पहले खो चुकी हैं। उनकी आज हालत ऐसी है कि मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री बिना सुरक्षा के कहीं जनसंवाद में नहीं जा सकते। इन्होंने तो विश्वास उस दिन खो दिया था जब हमने इस सदन के अंदर इनके सामने प्रदेश में पनप रहे भ्रष्टाचार और 24 से ज्यादा घोटाले रखे। सरकार ने आज तक घोटाले की जांच नहीं करवाई।

सरकार ने स्वयं माना कि हर माह भ्रष्टाचार मामले में 15 गिरफ्तारियां हो रही

अभय चौटाला ने कहा कि सरकार स्वयं ये बात मानती है कि हर महीने भ्रष्टाचार में औसतन 15 लोक सेवकों की गिरफ्तारियां हो रही हैं। यह रिकॉर्ड की बात है कि चार-चार आईएएस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज हुई और वो जेल गए व जमानत पर छूटने के बाद उनको फिर से ऐसी पोस्ट पर लगा दिया, जहां उनके खिलाफ आरोप सिद्ध करने में भी दिक्कत आ रही है। एक आईएएस अधिकारी जब जेल से जमानत पर छूट कर आया तो उसे करनाल में कमिश्नर लगा दिया, जो मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र है। अगर उस दागी आईएएस को मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में कमिश्नर लगाना था तो अधिकारी के खिलाफ सरकार ने एफआईआर किसलिए की थी?

भाजपा किसानों को क्यों कर रही परेशान

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सत्ता पक्ष के विधायकों ने कहा कि कांग्रेस राज में किसानों पर बहुत अत्याचार हुए, किसानों पर गोलियां चली, जिसमें किसान मारे गए। जब काले कृषि कानूनों को वापिस लेने के लिए 13 महीने लगातार किसान आंदोलन चला तो प्रधानमंत्री ने माफी मांग कर कानून वापिस क्यों लिए थे? वो कानून इसलिए वापिस हुए थे क्योंकि 750 किसानों ने शहादत दी थी, तब मजबूर होकर आपको वो कानून वापिस करने पड़े। आज फिर से बॉर्डर के उपर आप ने ऐसे हालात पैदा कर रखे हैं कि आदमी अगर पंजाब से चंडीगढ़ आता है तो उसे कोई रुकावट नहीं है लेकिन अगर हरियाणा से चंडीगढ़ आता है तो उसे हरियाणा में बैरियर के उपर दस जगह पर पूछताछ होती है और चैकिंग करानी पड़ती है। सात किलोमीटर के सफर के लिए अब 40 किलोमीटर तक जाना पड़ता है। ऐसे में अगर वहां कोई इमरजेंसी आ जाए तो आदमी अपनी सांस तो खत्म कर सकता है परंतु अस्पताल नहीं पहुंच सकता।

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