ऐतिहासिक धरोहरों को देखना हुआ आसान: डीएमआरसी की एप से मिल सकेंगे टिकट, दिल्ली मेट्रो व एएसआई के बीच हुआ एमओयू

Officials showing the MoU between DMRC and ASI.
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डीएमआरसी और एएसआई के बीच हुए एमओयू को दिखाते अधिकारी।
बहादुरगढ़ में दिल्ली की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक धरोहरों को बढ़ावा देने के लिए पुरातत्व विभाग और डीएमआरसी के बीच एक एमओयू हुआ है।

बहादुरगढ़: दिल्ली की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक धरोहरों को बढ़ावा देने के लिए पुरातत्व विभाग और डीएमआरसी ने एक अहम कदम उठाया। इस कदम के तहत अब डीएमआरसी की एप से यात्री टिकट के साथ-साथ ऐतिहासिक स्मारक स्थलों की टिकट भी खरीद सकेंगे। इतना ही नहीं, मेट्रो स्टेशनों पर इन धरोहरों का प्रचार किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने बुधवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के साथ एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए है।

क्यूआर आधारित इंटीग्रेटेड टिकटिंग सिस्टम होगा विकसित

डीएमआरसी के मोमेंटम 2.0 दिल्ली सारथी मोबाइल एप के माध्यम से एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारकों के टिकट भी खरीदे जा सकेंगे। इस साझेदारी के तहत डीएमआरसी और एएसआई मिलकर एक क्यूआर आधारित इंटीग्रेटेड टिकटिंग सिस्टम विकसित करेंगे। इससे यात्रियों को दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) की सेवाओं और एएसआई द्वारा प्रबंधित दिल्ली के चयनित केंद्रीय संरक्षित स्मारकों में प्रवेश के लिए एक सहज तथा आसान समाधान प्राप्त हो सकेगा। डीएमआरसी और एएसआई के बीच यह तालमेल दिल्ली के समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने में कारगर सिद्ध होगा।

टिकट काउंटरों की भीड़ से मिलेगा छुटकारा

डीएमआरसी और एएसआई के बीच हुए समझौते से सार्वजनिक अभियानों, संयुक्त कार्यक्रमों और डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से जागरूकता फैलाने के प्रयास किए जाएंगे। निश्चित ही इससे पर्यटकों को काफी लाभ होगा, क्योंकि अक्सर स्मारक स्थलों के टिकट काउंटरों पर काफी भीड़भाड़ रहती है। एमओयू के तहत पर्यटकों और आम जनता के लिए एक इंटीग्रेटेड टिकटिंग समाधान मुहैया कराया जाएगा। यह मेट्रो यात्रा और स्मारक प्रवेश दोनों को कवर करेगा। साथ ही डीएमआरसी और एएसआई के टिकटिंग सिस्टम को अपनी ऐप में एकीकृत करेगा।

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