मंदिर में बलात्कार: जैन मुनि शांति सागर को 10 साल की सजा, सूरत की डिस्टिक कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला 

Surat Jain Muni Shanti Sagar sentenced to 10 years prison on dushkarm Case
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नाबालिग शिष्या से बलात्कार: जैन मुनि शांतिसागर को 10 साल की सजा, सूरत की डिस्टिक कोर्ट ने दिया सख्त फैसला।
Surat Jain Muni Shanti Sagar: गुजरात की सूरत जिला सत्र न्यायालय ने शनिवार (5 अप्रैल) को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। 2017 में उनके खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज हुआ था।

Surat Jain Muni Shanti Sagar: गुजरात की सूरत जिला सत्र न्यायालय ने शनिवार (5 अप्रैल) को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने शिष्या से बलात्कार के मामले में जैन मुनि शांतिसागर को 10 साल की सजा सुनाई है। जैन मुनि शांतिसागर के खिलाफ 2017 में यह प्रकरण दर्ज किया गया था। कोर्ट ने उन्हें 10 साल की जेल और 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया है।

सरकारी वकील राजेश डोबरिया ने बताया कि 2017 का मामला अठवा लाइन्स पुलिस स्टेशन में दर्ज किया था। उनके खिलाफ मंदिर में नाबालिग शिष्या से बलात्कार करने की शिकायत मिली थी।

50 गवाह, 60 दस्तावेज
सूरत पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद आरोपी की पहचान शांतिसागर महाराज के रूप में की थी। आरोप पत्र दाखिल कर 50 गवाहों और सबूत के तौर पर 60 से अधिक दस्तावेज पेश किए।

अनुष्ठान के बहाने मंदिर बुलाकर वारदात
एफआरआई के मुताबिक, शांतिसागर ने 1 अक्टूबर 2017 में पीड़िता को परिवार समेत धार्मिक अनुष्ठान के बहाने सूरत के तिमलियावद स्थित महावीर दिगंबर जैन उप-मंदिर बुलाया था। मंदिर में ही उनके ठहरने की व्यवस्था की। जैन मुनि इस दौरान सूरत में चातुर्मास थे। पीड़िता ने बताया कि मंत्रजाप के बहाने उसे अपने कमरे में बुलाया और परिवार के साथ अनहोनी का डर दिखाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था।

मेडिकल में दुष्कर्म की पुष्टि
घटना के बाद पीड़ित की तबीयत बिगड़ी तो दुष्कर्म का खुलासा हुआ। जिसके बाद परिवार ने सूरत के अठवालाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई। मेडिकल में दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद शांतिसागर की गिरफ्तारी हुई।

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