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Delhi Election Result: दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने 27 साल बाद अपना परचम लहरा दिया है। क्या आपने सोचा है कि अगर कांग्रेस और आप एक साथ चुनाव लड़ी होती, तो अंजाम क्या होता। चलिए आपको आंकड़ों के साथ बताते हैं समीकरण।

Delhi Election Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कमाल का खेल देखने को मिला है। आप और कांग्रेस की लगभग एक जैसी विचारधारा होने के बाद भी दोनों एक दूसरे के खिलाफ लड़ी और इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला। ये बात तो सभी कर रहे हैं, लेकिन हम आपको एक अनोखा समीकरण बताने वाले हैं।

आम आदमी पार्टी दिल्ली में बहुमत से काफी दूर रह गई, वह सिर्फ 22 सीटें ही अपने नाम कर सकी, जबकि बहुमत हासिल करने के लिए 36 सीटें चाहिए थी। कांग्रेस भले ही दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीत पाई है, लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस का रोल काफी अहम रहा है। चलिए बताते हैं कि अगर कांग्रेस और आप एक साथ लड़ी होती, तो गठबंधन की सरकार बन सकती थी, या फिर भी सत्ता बीजेपी के पास ही रह जाता।

2 फीसदी वोट के अंतर से आया बड़ा फासला

दिल्ली चुनाव में लगातार तीसरी बार भी कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका है। चुनाव में पार्टी के शीर्ष नेताओं ने भी खूब दम दिखाया, लेकिन फिर भी एक भी सीट अपने नाम नहीं कर सकी। शुरुआती रुझानों में दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा भले ही आगे चल रहे थे, लेकिन आगे चलकर वो भी हार गए। आपको सीटों का अंतर आसमान और जमीन के फर्ज कैसा लग सकता है, लेकिन वोट प्रतिशत देखेंगे तो आप भी कहेंगे भाग्य ने आप का साथ नहीं दिया है। दिल्ली की विनर पार्टी भाजपा को दिल्ली में कुल 45.56 फीसदी वोट मिले हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी को 43.57 फीसदी वोट मिले हैं।

वोट प्रतिशत में कांग्रेस की दगाबाजी

आप सोच सकते हैं कि दोनों के बीच सिर्फ 2 फीसदी वोट का अंतर है, लेकिन सीट को देखें तो बीजेपी के पास आप से दोगुनी से भी अधिक सीटें हैं। बीजेपी ने 70 सीटों में से 48 सीटें अपने नाम कर ली है, जबकि आप सिर्फ 22 सीटें ही जीत सकी। यह तो समीकरण का सिर्फ एक पक्ष है। इसका दूसरा पक्ष ये है कि दिल्ली चुनाव में एक भी सीट हासिल नहीं करने वाली कांग्रेस को 6.34 फीसदी वोट मिले हैं। इसी वोट प्रतिशत ने सारा खेल पलट दिया। अगर आप और कांग्रेस एक साथ चुनाव लड़ी होती, तो इसकी अपार संभावना रहती है कि कांग्रेस और आप के वोट नहीं बटेंगे और वो गठबंधन को ही मिलेंगे।

14 सीटों ने बिगाड़ा आप का खेल

आपको एक और समीकरण जान हैरानी हो सकती है कि दिल्ली चुनाव में कुल 14 सीटें ऐसी रही है, जहां बीजेपी कैंडिडेट से आप कैंडिडेट के हार का अंतर कांग्रेस कैंडिडेट के कुल वोट से कम है। ऐसे में अगर कांग्रेस और आप एक साथ लड़ी होती, तो कांग्रेस कैंडिडेट और आप कैंडिडेट के सारे वोट एक प्रत्याशी को जाता और वह आसानी से जीत हासिल कर सकता था। ऐसे में अगर आप के 22 सीटों में ये 14 सीटें और एड हो जाती, तो यह गठबंधन बहुमत को पार कर जाती और सत्ता हासिल कर सकती थी।

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