DJB की One Time Settlement Policy को लेकर रस्साकशी, शहरी विकास सचिव ने कैबिनेट में लाने से किया इंकार

DJB One Time Settlement Policy
X
दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज और वित्त मंत्री आतिशी।
पानी के बिल में राहत देने के लिए दिल्ली सरकार की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव ने रोक दी है। इसको लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने जानकारी दी है।

Delhi: दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली जल बोर्ड के पानी उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए लाई जा रही वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव ने रोक दी है। इस बात की जानकारी शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज और वित्त मंत्री आतिशी ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में दी है।

सौरभ ने बताया कि डीजेबी के दस लाख लोगों को पानी बिल में राहत देने के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाई जा रही है। शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव को इसका प्रस्ताव कैबिनेट में रखने का निर्देश दिया गया है, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव रखने से साफ इंकार कर दिया है। उनको यह भी बताया कि वित्त मंत्री के कमेंट्स आ गए हैं, लेकिन उन्होंने वित्त मंत्री के कमेंट्स भी मानने से इंकार कर दिया और कहा कि वित्त मंत्रालय का मतलब वित्त विभाग के प्रमुख सचिव हैं।

वहीं, वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि सभी नियम-कानून में किसी पॉलिसी पर निर्णय लेने का अधिकार कैबिनेट के पास है। अगर कैबिनेट में प्रस्ताव नहीं आएगा, तो पॉलिसी कैसे बनेगी। एलजी साहब को इस संवैधानिक संकट से अवगत कराया गया है और उन्होंने कहा है कि कैबिनेट में प्रस्ताव आना चाहिए। उनके सुझाव पर हमने चीफ सेक्रेटरी को कैबिनेट नोट की फाइल भेज दी है।

10 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं का पानी का बिल बकाया

दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के 27 लाख उपभोक्ताओं में से करीब 10.5 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं का पानी का बिल बकाया है। इसका बड़ा कारण यह है कि ज्यादातर उपभोक्ताओं का मानना है कि उनका बिल पानी के खपत से ज्यादा आया है। जिस रीडिंग के आधार पर उपभोक्ताओं के पानी का बिल आया है, उन रीडिंग्स में गड़बड़ी है। मीटर रीडर ने उन उपभोक्ताओं के मीटर की रीडिंग नहीं ली है। कोरोना काल में यह समस्या बहुत ज्यादा बढ़ी थी। क्योंकि कोरोना के समय में मीटर रीडर्स लोगों के घर नहीं जाते थे और अपने ऑफिस से ही एक औसत दर के हिसाब के लोगों के पानी के बिल बनाकर भेजते थे।

मंत्री सौरभ ने एलजी से की इस विषय पर चर्चा

शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि गुरुवार को विधानसभा में एलजी वीके सक्सेना के अभिभाषण के बाद हमने उनसे इस विषय पर चर्चा की। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल और वित्त मंत्री आतिशी भी मौजूद रहीं। इस बातचीत में यह तय हुआ कि यह कैबिनेट नोट दिल्ली के मुख्य सचिव को भेज दिया जाए और कहा जाए कि वो जल्द से जल्द इस योजना के प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने रखें। अगले हफ्ते की शुरुआत में इसे कैबिनेट के सामने लाया जाए। यह कैबिनेट नोट मुख्य सचिव को भेज दिया गया है।

अफसर मंत्री के आदेश नहीं मानेंगे तो सरकार नहीं चल पाएगी- आतिशी

वित्त मंत्री आतिशी ने बताया कि शहरी विकास विभाग के ईसीएस ने अपने मंत्री के लिखित आदेश और वित्त मंत्री के कमेंट्स मानने से साफ मना कर दिया। इसलिए हमने विधानसभा में एलजी के अभिभाषण के बाद उनके सामने इस संवैधानिक संकट का मुद्दा उठाया। एलजी दिल्ली सरकार के मुखिया हैं। इसलिए इस संवैधानिक संकट के समाधान के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल, शहरी विकास मंत्री और मैंने एलजी के सामने यह दलील रखी। हमने एलजी को बताया कि अगर इस प्रकार का संवैधानिक संकट पैदा किया जाएगा, अफसर अपने मंत्री के आदेश नहीं मानेंगे और कैबिनेट के सामने प्रस्ताव नहीं लेकर आएंगे तो सरकार नहीं चल पाएगी।

एलजी साहब ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि कैबिनेट के सामने यह प्रस्ताव आना चाहिए और उनके सुझाव के अनुसार शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव को कैबिनेट नोट की फाइल भेजी है और उन्हें ये आदेश दिया है कि आने वाले एक हफ्ते में ‘वन टाइम सेटलमेंट’ स्कीम को कैबिनेट के सामने रखा जाए। हम उम्मीद करते हैं कि एलजी और शहरी विकास मंत्री द्वारा दिए गए निर्देश के आधार पर मुख्य सचिव जल्द से जल्द इस प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने रखेंगे।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story