Inspirational Story: कौन हैं दिल्ली के 'द मैन ऑफ द गोल्डन ऑवर'?, जिन्होंने बचाई 400 से ज्यादा लोगों की जान

Inspirational Story of suraj prakash
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सूरज प्रकाश को 'द मैन ऑफ़ द गोल्डन ऑवर' कहा जाता है।
Inspirational Story: दिल्ली के 73 वर्षीय सूरज प्रकाश वेद को  'द मैन ऑफ द गोल्डन ऑवर' के नाम से जाना जाता है। अब तक उन्होंने 400 से ज्यादा लोगों की जान बचाई है। उन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।

Inspirational Story: दिल्ली में सूरज प्रकाश वेद नाम के एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो अब तक 400 से ज्यादा लोगों की जान बचा चुके हैं। उन्होंने दिल्ली के सीरियल ब्लास्ट में 200 से ज्यादा लोगों की जान बचाई। साथ ही अब तक 200 से ज्यादा सड़क दुर्घटना पीड़ितों की सहायता कर चुके हैं। दिल्ली के 73 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक सूरज प्रकाश वेद को 'द मैन ऑफ द गोल्डन ऑवर' के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।

हादसे वाली जगह पर कुछ ही देर में पहुंच जाते हैं सूरज
दिल्ली के सूरज प्रकाश का मानना है कि हमारी जिंदगी, हमारी होने के साथ ही किसी और के काम भी आनी चाहिए। इसी बात से प्रेरित होकर वे लोगों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं। दिल्ली में हादसे वाली जगहों पर सूरज कुछ ही मिनटों में मदद के लिए पहुंच जाते हैं। उन्हें लोगों की मदद करते हुए 40 साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है।

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सड़क दुर्घटना में पहला घंटा बेहद महत्वपूर्ण
उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए दुर्घटना का पहला एक घंटा काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। अगर पहले एक घंटे के अंदर इलाज मिलना बहुत जरूरी होता है, जिससे पीड़ितों की जान बच सके। इसी एक घंटे पर निर्भर करता है कि अस्पताल पहुंचने तक वह पीड़ित किस हाल में रहेगा? इसी जागरूकता के कारण लोगों ने उन्हें 'द मैन ऑफ द गोल्डन ऑवर' का टैग दिया है।

1977-78 में सीरियल बम ब्लास्ट के दौरान की थी लोगों की मदद
सूरज ने बताया था कि दिल्ली में 1977-78 में जब सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। उस समय सूरज भी वहां पर मौजूद थे। सूरज बताते हैं कि दिल्ली में जहां बम ब्लास्ट हुए थे, वे वहां पहुंच गए थे। वहां उन्होंने बिना डरे लोगों की सहायता की और कुछ लोगों को अस्पताल भी पहुंचाया। सूरज की वजह से समय पर अस्पताल पहुंचाने के कारण कई लोगों की जान बचाई जा सकी। उन्होंने बताया कि जब वे वह बम स्पॉट पर पहुंचे तो, कुछ लोगों ने उन्हे वहां से जाने के लिए कहा। उन्हें दूसरा ब्लास्ट कहकर चेताया भी गया लेकिन वह नहीं माने और लोगों की मदद करना तुरंत ही शुरू कर दिया।

कई बार किए गए सम्मानित
इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें उनके इस सराहनीय काम के लिए सम्मानित किया था। इसके अलावा उन्हें सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने के लिए भी कई बार सम्मानित किया जा चुका है। वे अक्सर लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे दूसरों की मदद करने के लिए आगे आएं।

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